छत्तीसगढ़ में भी बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी की जा रही है। सुकमा जिले के एक नक्सल प्रभावित इलाके में पुष्पा फिल्म की ही तरह तस्करों ने सागौन लकड़ी को तालाब में पानी के अंदर छिपा कर रखा था। साथ ही जंगल में भी एक ठिकाने पर सेफ रखा हुआ था। जिसकी भनक वन अमले की गोपनीय टीम को लगी। फिर पूरे 2 दिन यानी 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने 25 लाख रुपए की इन बेशकीमती लकड़ियों को बरामद कर लिया। मामला सुकमा वन परिक्षेत्र का है।

दरअसल, वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि फूलबगड़ी और मुरतोंडा बीट में सागौन लकड़ियों की कटाई कर तस्करी की जा रही है। मुखबिर की इसी सूचना पर वन अमले ने इन दोनों इलाकों में खोजबीन शुरू की। DFO थेजस एस ने सुकमा, तोंगपाल, दोरनापाल और जगरगुंडा रेंज के अफसरों की एक संयुक्त गोपनीय टीम बनाई। इस टीम को निर्देश दिया गया कि इन दोनों इलाकों में लकड़ी की कटाई और जिन लकड़ियों को काट कर इकट्ठा कर रखा गया है उसके बारे में पता लगाएं। DFO के निर्देश के बाद अफसरों ने इलाके में पता लगाना शुरू किया।

इस टीम को मुखबिर से जानकारी मिली की फुलबगड़ी बीट के नीलावरम ग्राम में जंगल के बीच स्थित तालाब में लकड़ियां छिपाकर रखी गई है। जिसके बाद वन अमले ने जब खोजबीन शुरू की तो उन्हें सागौन चिरान मिला। फिर पास के ही एक जंगल में झाड़ियों के पास से भी वन अमले ने चिरान बरामद किया। इस इलाके से कुल 15 घन मीटर अवैध चिरान जब्त किया गया है। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 25 लाख रुपए है। DFO थेजस एस ने बताया कि, तस्करों की तलाश की जा रही है। साथ ही जिले में बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी करने वालों को भी पकड़ा जा रहा है।

अब तक 30 लाख रुपए से ज्यादा का सागौन बरामद
सुकमा वन मंडल में पिछले ढाई महीने में 30 लाख रुपए से ज्यादा की सागौन लकड़ी और चिरान जब्त किया गया है। वहीं एक चार पहिया वाहन भी राजसात की गई है। जनवरी महीने से सुकमा डिवीजन में सागौन पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने विभाग गोपनीय ऑपरेशन भी चला रहा है।