वास्तु शास्त्र के अनुसार जीवन में आ रही बाधाओं, चिंता, दुर्घटनाओं के जोखिम और स्वास्थ्य धन और विकास से जुड़ी समस्याओं के पीछे शौचालय और स्नान घर कारण होते हैं।
वास्तु शास्त्र में उल्लेख मिलता है की घर में कैसा बाथरूमरखें जिससे घर और परिवार हमेशा ठीक बने रहें। बाथरूम घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। बाथरूम में यदि नकारात्मक ऊर्जा रहेंगी तो उससे परिवार के सदस्यों में भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। बाथरूम वह स्थान है जहाँ व्यक्ति सुबह सुबह उठ कर जाता है और स्नान ग्रहण करने के बाद खुद को तरोताजा महसूस करता है। वही यदि सुबह सुबह व्यक्ति के शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा तो वह पूरे दिन नकारात्मक विचारों से भरा रहेगा जिसके कारण उसके जीवन में काफी कठिनाइयां आएंगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि बाथरूम और शौचालय अपना नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं तो इससे परिवार में आर्थिक तंगी होती है। आज हम आपको बाथरूम से जुड़ी कुछ बातें और नियम बताएंगे जिसे ध्यान में रखकर आप अपने घर में बाथरूम का निर्माण करें या फिर उसके अनुसार बदलाव करेके अपने जीवन में आ रही परेशानियों और दिक्कतों से मुक्ति पा सकते हैं।

आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम से जुड़े कुछ नियमों को:-
वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम घर के उत्तर या उत्तर पश्चिम कोने में होना चाहिए बाथरूम कभी भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए।
साथ ही कहते है बाथरूम रसोई के सामने या फिर बगल में नहीं होना चाहिए।
बाथरूम में बाल्टी और मघा एक सबसे जरूरी वस्तु है। वास्तुशास्त्र में इन दोनों के लिए नीले रंग काफी महत्वपूर्ण बताया गया है।
कई लोगों के घरों में बाथरूम के दरवाजे के सामने ही आईना होता है। लेकिन वास्तुशास्त्र में इससे बिल्कुल उचित नहीं बताया गया है। कहते है इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
आपको अपने बाथरूम में आईना लगाना है तो उसे उत्तर या पूर्वी दीवार पर लगाएं।
साथ ही आईने का आकाश चौकोर या फिर आयताकार रखें।
कभी भी गोलाकार या अंधकार मिरर ना लगाएं जितना संभव हो इस प्रकार के आईनो को अपने घर में लगाने से बचें।

बात करते हैं बाथरूम में कौन से रंग की टाइल्स लगवाने चाहिए या फिर कौन से रंग का पेंट करवाना चाहिए तो बाथरूम के लिए हमेशा हल्के रंग का चयन करें। बाथरूम में खिड़की अवश्य बनवाए जिससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती रहे। संभव हो तो खिड़की पूर्व उत्तर या पश्चिम दिशा में खुले ऐसे उसे बनवाएं।
यदि आपके बाथरूम में इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ें सामान है। जैसे कि गीजर, पंखा, स्विचबोर्ड तो इसे दक्षिण पूर्व दिशा में लगवाना चाहिए।
ध्यान रखें बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रहे यदि बाथरूम का दरवाजा खुला रहता है तो इससे बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है। जो कि आपके करियर में बाधा ये पैदा करती है।

अब बात करते हैं बाथरूम की सबसे अहम वस्तु नल और पानी की। बाथरूम में पानी की बाल्टी या फिर टब जो भी आप अपने घर में इस्तेमाल करते हैं उसे हमेशा भर कर रखे है। या फिर आप खाली रखते हैं तो उन्हें पलटकर रखें इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। कहते हैं की नल से पानी का टपकना अशुभ है। यदि आपके बाथरूम में भी कोई नल टूटा हुआ है तो उसे ठीक कराएं क्योंकि नल से पानी टपकते रहना धन की हानि करता है बाथरूम को हमेशा साफ रखें इससे आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

आपको बता दें वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में टॉयलेट सीट पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
बाथरूम और शौचालय से जुड़ी इन सभी छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखकर और इनके अनुसार अपने बाथरूम का निर्माण करके आप अपने जीवन में बेहतर परिणाम देख सकते हैं।