Bihar Panchami Vrindavan 2022: वृंदावन का नाम स्मरण करते ही कृष्ण भक्तों की आंखों के सामने ठाकुर श्री बांके बिहारी की मनमोहिनी मूर्त जागृत हो जाती है।

श्री बांके बिहारी लाल जी का प्राकट्य उत्सव मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। जो इस वर्ष 28 नवंबर 2022 दिन सोमवार को है। बिहारी जी के जन्मदिन की खुशी में पिछले 5 साल से भक्त ऑफ बिहारी जी ग्रुप के सदस्य श्री राजू गोस्वामी जी (जो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी है) इस उत्सव का नेतृत्व बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
Bihar panchami vrindavan 2022 date: श्री राजू गोस्वामी जी ने कहा ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज बृज के सबसे लाडले ठाकुर हैं। उनका प्राकट्य मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को निधिवन राज श्रीधाम वृंदावन में हुआ था। उनके प्राकट्य उत्सव को बृज में " बिहार पंचमी" महोत्सव के नाम से जाना जाता है। यह दिन हर बृजवासी के लिए बड़े उत्साह और हर्षोल्लास का दिन होता है। इस दिन सब बृजवासी इस उत्सव को बड़े चाव के साथ मनाते हैं।

Bihar panchami 2022: श्री राजू गोस्वामी जी बताते हैं बिहार पंचमी के दिन स्वामी श्री हरिदास जु महाराज निधिवन से सुंदर चांदी के रथ में सवार होकर अपने लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज जी को उनके प्राकट्य की बधाई देने मंदिर जाते हैं। इस यात्रा में सब भक्त नाचते, गाते और भावविभोर होते हुए शामिल होते हैं और ठाकुर जी को अपनी-अपनी भावना से प्राकट्य की बधाई देते हैं। इस उत्सव के उपलक्ष्य में बहुत से रसिकों ने सुंदर-सुंदर वाणी लिखी है, जिसको पढ़ते-गाते ही भक्त का रोम-रोम ठाकुर जी के प्रेम में डूब जाता है।

" माई री, सहज जोरी प्रगट भई, जु रंग की गौर-स्याम घन-दामिनि जैसैं।
प्रथम हूं हुती, अब हूं आगे हूं रहिहै, न टरिहै तैसैं॥
अंग-अंग की उजराई-सुघराई-चतुराई-सुन्दरता ऐसैं।
श्री हरिदास के स्वामी स्यामा-कुंजबिहारी, सम वैस वैसै "

अखिल ब्रह्माण्ड नायक संगीत सम्राट रसिक शिरोमणि श्री ललिता सखी अवतार स्वामी श्री हरिदास जु महाराज जी द्वारा अपने लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज के प्राकट्य के उपरांत यह अति सुंदर पद गाया गया।