चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को प्रत्येक वर्ष राम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। संकटमोचन हनुमान जी के भक्तों में हनुमान जयंती के मौके पर खासा उत्साह देखने को मिलता है और देशभर में इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्री विष्णु को राम अवतार के वक्त सहयोग करने के लिए रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था। पवनपुत्र हनुमानजी ने रावण का वध, सीता की खोज और लंका पर विजय पाने में श्रीराम की पूरी सहायता की थी। हनुमान जी की पूजा करने से दुखों का नाश हो जाता है और हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा हर समय करते हैं। हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। संकटमोचन हनुमान जी की पूजा कभी भी की जाए लेकिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि आपने पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो यह पूजा सफल नहीं होगी। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी बातें हैं जिसे बजरंगबली की पूजा के दौरान ध्यान रखना चाहिए।

 
बिना स्नान के न करें पूजा
सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा बिल्कुल पवित्र और स्वच्छ होकर करने का विधान है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार जब भी हनुमान जी की आराधना करें तो स्नान आदि से निवृत्त होकर करें। अन्यथा हनुमान जी की पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होगा।

 
जूठे मुंह न करें पूजा
किसी भी पूजा से पहले हाथ पैर मुंह साफ करना चाहिए और कुछ भी खाना नहीं चाहिए। हनुमान जी की पूजा के समय अपने मुंह को साफ करके और कुल्ला करके ही पूजा आरंभ करें। जूठे मुंह की गई पूजा से अशुभ फल प्राप्त होंगे।

 
पूजा के दौरान गंदे वस्त्र न पहनें
हनुमान जी की पूजा करते समय सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार गंदे वस्त्र पहनकर हनुमान जी की पूजा से अशुभ फल प्राप्त होता है। इसलिए जब भी हनुमान जी की पूजा करें साफ वस्त्र ही धारण करें।

 
दोपहर के समय पूजा न करें
हनुमान जी की पूजा करने के लिए सुबह और शाम का समय उत्तम होता है। शास्त्रों के अनुसार शाम के 7 बजे का समय हनुमान पूजन के लिए सबसे शुभ होता है। इसलिए कभी भी गलती से हनुमान जी की पूजा दोपहर के समय ना करें।