छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बलरामपुर के सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक को हिरासत में ले लिया है। उनको लेकर रायपुर के लिए देर रात रवाना हो गई। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग और कोयले के डीओ जारी करने पर अवैध वसूली मामले में की गई है। इससे पहले अफसर बारीक से घंटों पूछताछ की गई। माना जा रहा है कि अवधेश बारीक से मिले सबूतों से रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम के तीन सदस्य सोमवार करीब 11.30 बजे बलरामपुर कलेक्ट्रेट कंपोजिट बिल्डिंग स्थित खनिज शाखा पहुंची थी। वहां बंद कमरे में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक से पूछताछ शुरू की। यह पूछताछ रात करीब 11 बजे तक लगातार चली। इस दौरान किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। अवधेश बारीक इसके पहले रायगढ़ में सहायक खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। वे कुछ माह पूर्व ही रायगढ़ से स्थानांतरित होकर बलरामपुर आए हैं। ईडी की टीम ने उनसे पूछताछ के साथ ही दस्तावेजों की भी पड़ताल की। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रायगढ से जुड़े अधिकारियों पर सख्ती के बाद कलेक्टर रानू साहू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रायगढ़ की कलेक्टर रानू साहू के दफ्तर निवास पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी और खनिज शाखा पहुंचकर दस्तावेज भी जब्त किया था। 18 अक्तूबर को ईडी की टीम ने रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के मायके गरियाबंद के पाण्डुका में उनकी मां जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू व चचेरे भाई शैलेंद्र साहू के घर छापा मारा था। साथ ही चिप्स के दफ्तर में भी दबिश दी थी। 

जिस अवधि में रायगढ़ में अवैध वसूली हुई थी, उस समयावधि में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक वहीं पदस्थ थे। ईडी द्वारा मुख्य रूप से रायगढ़, कोरबा के साथ सूरजपुर जिले में डीओ जारी करने वाले अधिकारियों की जांच हो रही है। सूरजपुर से स्थानांतरित होकर धमतरी के पदस्थ सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा से भी घंटों पूछताछ की थी। बजरंग पैकरा के अंबिकापुर स्थित आवास पर भी आईटी की टीम ने पूर्व में दबिश दी थी, लेकिन तबादले के कारण वे अपना आवास खाली कर चुके थे।