आपातकाल के दौरान सोहन पोटाई सहायक पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पोटाई को किसी समय संघ का काफी करीबी माना जाता था। हालांकि फिर उनकी दूरी बढ़ती गई और बाद में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। 

छत्तीसगढ़ की कांकेर सीट से लोकसभा सांसद रह चुके सोहन पोटाई का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। उनके निधन से आदिवासी समाज और प्रदेश की राजनीति में शोक की लहर पैदा हो गई है। सोहन पोटाई ने भाजपा के टिकट पर कांकेर लोकसभा सीट का चार बार प्रतिनिधित्व किया था। 

जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद पोटाई ने गुरुवार सुबह माहुरबंधपारा स्थित अपने पैतृक निवास में अंतिम सांस ली है। पोटाई आदिवासी हित के लिए सदैव संघर्ष करते रहे। उन्होंने इसी वजह से अपनी मूल पार्टी भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया था। हालांकि आपातकाल के दौरान सोहन पोटाई सहायक पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पोटाई को किसी समय संघ का काफी करीबी माना जाता था। हालांकि फिर उनकी दूरी बढ़ती गई और बाद में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। 

29 अप्रैल 1958 को जन्में सोहन पोटाई ने 1998 में चुनाव मैदान में कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्र कर्मा को पराजित कर पहली बार भाजपा की झोली में सीट डाली। हालांकि केंद्र में सरकार गिरने और फिर से चुनाव होने के कारण एक साल ही सांसद रह सके। इसके बाद 1999 में छबिला अरविंद नेताम को पराजित किया। 2004 में सोहन पोटाई ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही गंगा पोटाई ठाकुर को पराजित कर तीसरी बार जीत दर्ज की थी। फिर साल 2009 में कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को शिकस्त दी थी।