आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को सफल जीवन जीने का साधन माना जाता है.
इनके द्वारा बताए गए कार्यों को जीवन की प्रगति के लिए बहुत ही अनुकूल भी माना गया है. हम सभी अपने जीवन में सफलता की कामना करते हैं.

ऎसे में यदि कुछ बातों को हम उचित रुप से अपने जीवन में शामिल कर लें तो उसके द्वारा सफलता को पाना संभव हो सकता है. आचार्य चाणक्य द्वारा दी गई शिक्षाओं का पालन करने से व्यक्ति हमेशा दुखों और कष्टों से दूर रहता है.

आइए जानते हैं कि सफलता प्राप्त करने का मुख्य सूत्र क्या है : -

मानव जीवन में ज्ञान का स्थान सदैव उच्च स्तर पर रहा है, यह ज्ञान ही जीवन का सर्वोच्च मूल्य भी है. व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर के जीविकोपार्जन करता है, ज्ञान द्वारा सदैव सफलता प्राप्त करता है. लेकिन जो अज्ञानवश कोई भी काम करता है, उसके हाथ हमेशा खाली रहते हैं. इसलिए जीवन में सही मार्गदर्शक का होना बहुत जरूरी है. ऐसे ही एक मार्गदर्शक थे आचार्य चाणक्य, जिनके द्वारा चाणक्य नीति आज भी लाखों युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है.

चाणक्य नीति में धर्म, अर्थ, राजनीति के साथ-साथ जीवन की अन्य महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में भी बताया गया है. माना जाता है कि जो लोग इन नीतियों का पालन करते हुए अपना जीवन व्यतीत करते हैं, उन्हें हमेशा सफलता मिलती है. चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं कि मनुष्य को सफलता पाने के लिए किस महत्वपूर्ण चीज पर काम करना चाहिए.

चाणक्य नीति की इस शिक्षा का ध्यान रखें
गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुडायते. इसके अनुसार व्यक्ति अपने गुणों से ही महान बनता है, ऊंचे पद पर बैठने से नहीं. यदि कौआ महल की छत पर बैठ जाए तो वह गरुड़ नहीं बन जाता.

चाणक्य नीति के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जो लोग अच्छे गुणों के साथ कोई भी कार्य करते हैं, वही श्रेष्ठ और सफल व्यक्ति कहलाते हैं. जरूरी नहीं कि वह किसी ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति ही हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर महल के शीर्ष पर एक कौआ बैठता है, तो उसे गरुड़ के समान शक्तिशाली नहीं कहा जा सकता है. वह हमेशा एक कमजोर और अप्रिय बात करने वाला ही रहेगा. लेकिन जमीन पर बैठे गरुड़ हमेशा पक्षीराज कहलाएंगे. इसलिए व्यक्ति को हमेशा अपने गुणों पर काम करना चाहिए और गुणों को अपने अंदर लाना चाहिए. ये सफलता प्राप्त करने के मुख्य स्तंभ बन जाते हैं.