Tuesday special: शारीरिक कष्ट अपने कर्मों के द्वारा भोगे जाते हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का कारण ग्रह बनते हैं। जैसे की लंबी बीमारी राहु अंग भंग होना, केतु ऑपरेशन व खून संबंधित बीमारियां खराब मंगल के कारण बनती हैं। खून से संबंधित बीमारियों में सर्वाधिक खतरनाक बीमारियां जैसी की डायबिटीज, बी.पी, इन्फेक्शन और कैंसर जैसी भयानक बीमारियां। तब आपके शरीर में पनपनी शुरू हो जाती हैं, जब आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति दूषित हो रही हो और मंगल बद के कारण बना हो। मंगल ही ऐसा ग्रह है। जिसके ज्योतिष शास्त्र में दो रूप माने जाते हैं। पहला मंगल नेक और दूसरा बद।

मंगल नेक अच्छे मंगल की निशानियां लिए हुए होता है। जिससे की आपका शरीर हृष्ट-पुष्ट व बलशाली होता है। मंगल बद के कारण कई बार अपरैशन और खतरनाक बीमारियां लग जाती हैं। मंगल बद की चीजें घर में रखने से भी इसका बुरा प्रभाव मिलता है। जन्म कुंडली में नीच के मंगल के कारण इसके अशुभ प्रभाव मिलते हैं। मंगल के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए बजरंगबली जिन्हें की मंगल मूर्ति कहा जाता है की उपासना करना मंगल नेक कर देता है।

यदि आपको रक्त विकार काफी लंबे समय से तंग कर रहा है तो प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को बूंदी और नमकीन सेवियों का भोग लगाकर बांटने से स्वास्थ्य में लाभ होता है।

किसी प्रकार की सर्जरी हो गई हो तो स्वास्थ्य फिर भी अच्छा न हो रहा हो तो 4 बड़े बताशे उनके ऊपर थोड़ा से सरसों के तेल का टीका लगाकर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें, ऐसा 4 मंगलवार या शनिवार करें, जल्दी सुधार होगा। बताशे चढ़ाते हुए इस मंत्र का जाप करें।

हनुमान मंत्र- ॐ शान्ताय नम:। ॐ मारुतात्मजाय नमः। ऊं हं हनुमते नम:।

हनुमान जी को हलवा, गुड़ से बने लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती बहुत प्रिय है। उन्हें इन चींजों का भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें।

Hanuman Bhog mantra हनुमान भोग मंत्र- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्

दक्षिण मुखी घरों में रहने वालों के घर में अधिक मंगल दोष देखा जाता है। ऐसे में दरवाजे पर नेक मंगल का लाल रंग करवाना शुभ होता है।

मंगल बद की निशानियां जैसे की स्याह चमकीला लाल रंग व इस रंग की चूड़ियां व शादी का जोड़ा घर में पड़ा रहने पर भी मंगल बद का कारण बनता है। इन चीजों को घर से निकाल कर मंगल बद के नकारात्मक प्रभाव से बचें।