पिता को दो लाख रूपये एक माह में अदा करें आयोग ने की अनुशंसा

शहडोल  मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आंगनबाड़ी के किचन में उवलते हुये पानी में गिर जाने से चार साल की बालिका सुभाषिनी पिता  बैसाखू बैगा की मौत हो जाने के मामले में मृतिका बालिका के पिता को दो लाख रूपये एक माह में अदा करने की अनुशंसा राज्य शासन को की है। मामला शहडोल जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र./7030/शहड़ोल/2018 में आयोग ने पाया कि मृतिका बालिका सुभाषिनी बैगा की असामयिक मृत्यु के कारण उसके जीवन जीने, बाल अधिकार व उसके मानव अधिकारों की घोर उपेक्षा हुई। अतः उसके पिता को दो लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान अगले एक माह में कर दिया जाये। अपनी अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि शहडोल जिले की सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में निर्मित ऐसे किचिन शेड, जो निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नहीं बने हैं या अनुपयुक्त हैं, उन्हें अगले दो माह में ठीक करवाया जाये। मध्यप्रदेश राज्य में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था के लिये निर्मित किचिन शेड गुणवत्ता से बनाये जायें, जिसमें शुद्ध पेयजल, भोजन बनाने के लिये ऊंचा प्लेटफार्म, प्रकाश व वेण्टीलेशन, गैस चूल्हा, सामान रखने के लिये सुरक्षित स्टोर, साफ-सफाई तथा किचिन में छोटे बच्चे न जायें, इसकी समुचित व्यवस्था होना चाहिये। मध्यान्ह भोजन के वितरण की युक्तियुक्त व्यवस्था के साथ-साथ, पाकशालाओं के अनिवार्य पर्यवेक्षण, उनके विधिवत् रख-रखाव और रख-रखाव हेतु शीघ्र बजट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जवाबदारी के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये जायें। राज्य की शिक्षा शालाओं में निर्मित पाकशालाओं की गुणवत्ता की समीक्षा करवायी जाये और जिन पाकशालाओं में रख-रखाव की और मरम्मत की आवश्यकता है, वहां अगले दो माह में रख-रखाव/मरम्मत करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।