नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को डेफलंपिक 2022 में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की अपने घर पर मेजबानी की. पीएम मोदी ने देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों से बात की और उनका हौसला बढ़ाया. इस मुलाकात की तस्वीरें प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर की. प्रधानमंत्री के अलावा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौके पर मौजूद रहे. खिलाड़ियों ने अपनी साइन की हुई जर्सी पीएम मोदी को तोहफे में दी.इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया “मैं अपने चैंपियंस के साथ मुलकात को कभी नहीं भूलूंगा, जिन्होंने डेफलिंपिक्स में भारत का परचम बुलंद किया. खिलाड़ियों ने अपने अनुभव साझा किए और मैं उनके अंदर जुनून और प्रतिबद्धता देख सकता था. सभी खिलाड़ियों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं. हमारे चैम्पियंस की बदौलत ही इस बार डेफलंपिक में भारत का प्रदर्शन यादगार रहा.
पहलवान वीरेंदर सिंह ने भी सफलता की नई मिसाल कायम की. उन्होंने लगातार पांचवें डेफलंपिक में मेडल जीता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेसलर से काफी देर बात की और यहां तक पहुंचने में उनके संघर्ष को जाना. वीरेंदर ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया,”मैंने अपने पिताजी और चाचा को देखकर ही कुश्ती खेलना शुरू किया था. बचपन से माता-पिता का पूरा सपोर्ट मिला. इसी वजह मैं इस मुकाम तक पहुंचा.”
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे पूछा कि क्या पिताजी और चाचा आपके प्रदर्शन संतुष्ट हैं. इसके जवाब में वीरेंदर ने कहा,”नहीं, वो चाहते हैं कि मैं और आगे बढूं और ऊंचा मुकाम हासिल करूं. मैंने भी उन पहलवानों के साथ कुश्ती के अखाड़े में दो-दो हाथ किए हैं, जो सुन सकते हैं. उन्हें हराया भी है. लेकिन मैं सुन नहीं पाता था. इसी कारण से मुझे मौका नहीं मिला. कई बार इसे लेकर मैं मायूस हुआ, रोया भी. फिर मैंने बधिरों के साथ कुश्ती खेलनी शुरू की और मुझे नई राह मिली.”
वीरेंदर 2005 से अब तक जितने भी डेफलंपिक हुए हैं, उसमें पदक जीते हैं. प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि प्रदर्शन में ऐसी निरंतरता कैसे लाते हैं? इस पर रेसलर ने कहा, “मैं लगातार उन पहलवानों के साथ अभ्यास करता हूं, जो सुन सकते हैं. अपनी कमियों को दूर करता हूं, यही मेरी सफलता का राज है.”
बता दें कि 1 से 15 मई के बीच ब्राजील में हुए डेफलंपिक में भारत ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 17 पदक हासिल किए. भारत ने 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए और मेडल टैली में भारत 9वें स्थान पर रहा. यह 1925 में इन खेलों के शुरू होने के बाद पहला मौका है, जब भारत ने डेफलंपिक की मेडल टैली के टॉप-10 में जगह बनाई है. भारत ने पहली बार 1965 में डेफलंपिक में शिरकत की थी और 1993 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 7 मेडल हासिल किए थे. हालांकि, इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने इससे दोगुना मेडल जीते हैं.
भारत ने इस बार इन खेलों के लिए 65 एथलीट्स भेजे थे. डेफलंपिक में कुल 72 देशों के 2 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों ने शिकरत की. बैडमिंटन खिलाड़ी जेरलिन जयरतचगन डेफलंपिक में भारत के लिए सबसे बड़ी स्टार में से एक थीं. क्योंकि उन्होंने तीन गोल्ड मेडल जीते थे. निशानेबाज धनुष श्रीकांत ने 2 स्वर्ण पदक जीते. टेनिस खिलाड़ी पृथ्वी शेखर ने भी 2 पदक पर कब्जा जमाया.