भोपाल ।    दुष्यंत कुमार स्‍मारक पांडुलिपि संग्रहालय के संस्थापक निदेशक राजुरकर राज का निधन हो गया। वह लंबे समय से अस्‍वस्‍थ चल रहे थे। उन्‍होंने करीब 25 साल पहले अपने घर के दो कमरों में यह संग्रहालय शुरू किया था। वह विविध भारती, भोपाल से वरिष्‍ठ उद्घोषक के पद से सेवानिवृत्‍त हुए थे। उनकी बेटी विशाखा ने बताया कि वह कई सालों से बीमार थे। उन्हें पैंक्रियाज में ट्यूमर था, जिसका पांच बार आपरेशन करवा चुके थे और अब आयुर्वेद से इलाज करवा रहे थे। लेकिन पिछले दो माह से उनकी तबियत काफी बिगड़ गई थी और लगातार खराब होते स्वास्थ्य के कारण वे बैतूल के पास अपने पैतृक गांव में ही रहकर अपना इलाज करवा रहे थे। इलाज के दौरान मंगलवार रात को उनका देहांत हो गया। राजुरकर के निधन से साहित्‍य जगत में शोक की लहर है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए उन्‍हें श्रद्धांजलि दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के संस्थापक श्री राजुरकर राज जी के निधन का दु खद समाचार प्राप्त हुआ है। स्निग्धयुक्त मुस्कुराहट लिए वह जीवन भर साहित्य के संवर्द्धन, संरक्षण व सम्प्रेषण के लिए समर्पित रहे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।'