उज्जैन ।  बीते वर्ष दीपावली पर अयोध्या में 15 लाख 76 हजार दीये एक साथ जलाए जाने का विश्व रिकार्ड महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी अवंतिका यानी उज्जैन में टूट गया। पवित्र मोक्षदायिनी शिप्रा नदी का तट पर जब 18 लाख 82 हज़ार 229 दीयों की रोशनी से जगमगाया तो लोग इस भव्य, अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय कल्पनातीत सौंदर्य को पलक झपकाए बगैर निहारते ही रह गए। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने ड्रोन से दीयों की गिनती के बाद 18 लाख 82 हज़ार 229 दीयों के एक साथ प्रज्वलित किए जाने का विश्व रिकार्ड बनने की घोषणा की। इस दौरान संपूर्ण रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, सुनहरी घाट, भूखी माता घाट, केदारेश्वर घाट ‘जय श्री महाकाल’ के उद्घोष से गूंज उठा। इस बीच आतिशबाजी, लेजर शो भी हुआ। विश्व कीर्तिमान संबंधी प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया गया। ‘शिव ज्योति अर्पणम्’ नाम से हुए इस भव्य दीपोत्सव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखाई दी। आस्था, आह्लाद और आत्मीयता से भरे इस सुखद पल के साक्षी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित एक लाख से अधिक लोग बने। सीएम ने पत्नी साधना सिंह के साथ दीये प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। वे नौका विहार कर लोगों के पास भी गए। सभी ने एक-दूसरे को दीपोत्सव की शुभकामनाएं दीं। विश्वभर के लोगों को धार्मिक पर्यटन स्थल ‘उज्जैन’ आने का निमंत्रण दिया। इधर, मुख्यमंत्री के आग्रह पर शिप्रा तट के अलावा पूरे उज्जैन के हर मंदिर, छोटी-बड़ी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक दीये प्रज्वलित किए गए। प्रतिष्ठानों पर आकर्षक लाइटिंग की गई। कार्यक्रम के लिए तैयार गीत- महाशिवरात्रि का शुभ दिन है, उज्जयिनी देखो आज मगन है, जय गौरी शंकर, मिलकर मनाएं शिव ज्योति अर्पण...गाया गया।

जनभागीदारी का ऐसा उदाहरण मुश्किल

कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल की नगरी में आज सब कुछ आलोकित है। आज से विक्रमोत्सव का भी शुभारंभ हो गया है। यह वर्ष प्रतिपदा तक चलेगा। महाकाल महाराज की कृपा बरस रही है। जनभागीदारी का ऐसा उदाहरण मुश्किल है। सभी का स्वागत होना चाहिए। शिप्रा मैया के तट पर खड़े रहकर कह रहा हूं, शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। हमें मप्र और उज्जैन को नंबर एक बनाना है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

- 3 करोड़ रुपये खर्च हुए शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम पर।

- 50 हजार लीटर तेल खपा विश्व रिकार्ड बनाने में।

- 20 हजार वालेंटियर द्वारा 400 सुपरवाइजर की निगरानी में जलाए गए थे दीये।

- 11 लाख 73 हजार दीयों का रिकार्ड था उज्जैन में पिछले साल का

टूटा रिकार्ड

इस साल का दीपोत्सव पिछले वर्ष से अधिक भव्य और आध्यात्मिक अनुभूति कराने वाला रहा। पिछली महाशिवरात्रि पर यहां 13 लाख दीये प्रज्वलित किए गए थे, तब 11 लाख 71 हजार दीये एक साथ जलाए जाने का विश्व रिकार्ड बना था। ये रिकार्ड 23 अक्टूबर 2022 को अयोध्या में राम की पैड़ी पर 15 लाख 76 हजार दीप एक साथ प्रज्वलित होने के बाद टूट गया था। अब महाकाल की नगरी ने राम की नगरी का रिकार्ड तोड़ दिया है। सीएम ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के लिए तैयार गीत -महाशिवरात्रि का शुभ दिन है, उज्जयिनी देखो आज मगन है, जय गौरी शंकर, मिलकर मनाएं शिव ज्योति अर्पण...गाया गया। इस अद्भुत और अविस्मरणीय पल के साक्षी सीएम के साथ देशभर से जुटे लाखों लोग बने। उल्‍लेखनीय है कि ‘शिव ज्योति अर्पणम्’ नाम से होने वाला ये कार्यक्रम जीरो वेस्ट अवधारणा पर आधारित रहा, जिसमें उपयोग लाई हर सामग्री को पुन: उपयोग में लिया जाएगा। आयोजन से एक दिन पहले स्थानीय प्रशासन ने केदारेश्वर घाट, सुनहरी घाट, दत्त अखाड़ा घाट, रामघाट और भूखी माता मंदिर की ओर वाले घाट पर दीये प्रज्ज्वलित करने को ब्लाकवाइज जमा दिए गए थे। कुल 9333 ब्लाक बनाए गए। प्रत्येक ब्लाक में 225 दीये रखे गए थे। जानकारी के अनुसार सभी दीये प्रज्जवलित करने को 20 हजार वालेंटियर नियुक्त किए गए थे। इन्हें निर्देशित किया गया था कि वे 10 मिनिट की समय सीमा में दीये जलाकर पीछे हटें, ताकि अगले पांच मिनट में ड्रोन कैमरे से प्रज्ज्वलित दीयों की फोटो-वीडियोग्राफी की जा सके। बता दें कि पिछले वर्ष उज्जैन ने महाशिवरात्रि पर 11 लाख 71 हजार दीप एक साथ प्रज्जवलित किए जाने का विश्व रिकार्ड बनाया था। ये रिकार्ड पिछले वर्ष अयोध्या ने 15 लाख 76 हजार दीप एक साथ प्रज्जवलित कर तोड़ दिया था।