भोपाल.   मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने शुक्रवार सुबह अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शोभा ओझा को कांग्रेस की सरकार के समय साल 2020 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। जब सरकार पलटी और भाजपा सरकार बनी तो उन्हें हटा नहीं सकती थी क्योंकि आयोग का अध्यक्ष संवैधानिक होता है। शोभा ओझा का कार्यकाल अगले साल मार्च में खत्म होना था। शोभा ओझा ने इस्तीफा देते हुए कहा राजनीतिक स्वार्थ की खातिर महिला सुरक्षा की बलि चढ़ाने का पाप पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है, इसलिए अधिकार-विहीन कर दिए गए महिला आयोग के अध्यक्ष पद की संवैधानिक बाध्यताओं को त्याग कर मैं महिला सुरक्षा, न्याय और उनके अधिकारों की लड़ाई अन्य मंचों से लड़ती रहूंगी। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान में आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति का मामला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित है


मजबूरन मुझे पद छोड़ना पड़ रहा है

मीडिया से करी बातचीत में उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से ये सरकार आई तब से मुझे काम नहीं करने दे रही है। इसीलिए, मजबूरन मुझे पद छोड़ना पड़ रहा है। मैं भारी मन से राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से अपना त्यागपत्र दे रही हूं, जिससे मैं एक अधिकारविहीन, शक्तिहीन बना दिये गये आयोग के मुखिया के दायित्व की संवैधानिक बाध्यताओं से मुक्त होकर, उन्मुक्त और खुले मन से पीड़ित, शोषित और दमित महिलाओं की व्यथा और वेदना को स्वर देने का अपना अनवरत् संघर्ष अन्य मंचों से जारी रख सकूं।