इंदौर ।   इंदौरियों का नमकीन (सेंव-मिच्चर) प्रेम जगजाहिर है। नमकीन के बगैर यहां के लोगों का खाना पूरा नहीं होता लेकिन यही नमकीन प्रेम इंदौरियों का रक्तचाप बढ़ रहा है। हालत यह है कि डाक्टर के पास पहुंचने वालों में हर तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रसित मिल रहा है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए रोजाना साढ़े तीन ग्राम नमक पर्याप्त होता है लेकिन नमकीन प्रेम के चलते इंदौर में लोग इससे कई गुना ज्यादा नमक खा जाते हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह भ्रांति है कि सादे नमक के मुकाबले सेंधा नमक खाने से उच्च रक्तचाप का खतरा नहीं रहता है लेकिन यह सही नहीं है। नमकीन के अलावा कचौड़ी, अचार, पापड़ भी अत्याधिक मात्रा में खाए जाते हैं। डाक्टरों का कहना है कि लोग कहते हैं कि वे ऊपर से नमक नहीं खाते लेकिन पापड़, अचार, कचौड़ी और नमकीन के रूप में उनके शरीर में जरूरत से कई गुना ज्यादा ज्यादा नमक पहुंच चुका होता है और उन्हें पता भी नहीं चलता। 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस है।

नमकीन का सेवन बढ़ा रहा है चिंता

इंदौर में लोग नमकीन, कचौड़ी और पापड़ में अत्यधिक नमक का सेवन करते हैं। इसके अलावा सब्जियों से दूरी और चिकनाईयुक्त खाने का मोह भी उच्च रक्तचाप की वजह बन रहा है। बदलती जीवन शैली और बढ़ता मानसिक तनाव भी इसकी एक बड़ी वजह है।डा.एके पंचोलिया, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट

 

जिन्हें हुआ था कोरोना उन्हें ज्यादा खतरा

जिन लोगों को कोरोना हुआ था उनमें उच्च रक्तचाप की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। यह रेनिंग सिस्टम की वजह से हो रहा है। 2014 के आंकड़ों की बात करें तो देश मेें शहरी क्षेत्रों में 42 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं। दुख की बात है कि इनमें से आधे को पता ही नहीं होता कि उन्हें यह बीमारी है। जिन्हे पता है वे नियमित दवाई नहीं लेते। नियमित जांच से ही उच्च रक्तचाप का पता लगाया जा सकता है।

डा.सिद्धार्थ जैन, इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट

रोज लें सात से आठ घंटे नींद

काम का दबाव, असंतुलित दिनचर्या, जंक फूड का सेवन, सिगरेट-शराब का सेवन उच्च रक्तचाप की एक बड़ी वजह है। आइसीएमआर के रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 28 प्रतिशत लोगों को ही बीमारी के बारे में पता है और सिर्फ 15 प्रतिशत ही इलाज लेते हैं। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए खानपान में हरी सब्जियां, सलाद, भरपूर पानी का सेवन करें। कम से कम 45 मिनट योगा और व्यायाम करें। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लें।

डा. राकेश जैन, कार्डियोलाजिस्ट