स्व-अनुशासन

अनुशासन से हम भली-भांति परिचित हैं । बचपन से हम किसी न किसी के नियंत्रण में रहे हैं । नियंत्रण अनुशासन के माध्यम से किया जाता है । उम्र के एक पड़ाव पर जाकर व्यक्ति नियन्त्रण एवं अनुशासन में रहना पसंद नहीं करता है । ऐसे समय पर उस पर किसका नियंत्रण होना चाहिए ? मेरे विचार से व्यक्ति को स्व-अनुशासन से चलना चाहिए । एक उम्र के पश्चात व्यक्ति को इतना परिपक्व हो जाना चाहिए कि वो समय की नजाकत को समझे, व्यक्तियों की परख करें, परिस्थितियों का विश्लेषण करें एवं निर्णय ले । जब व्यक्ति स्व-अनुशासन में कोई कार्य करने लगता है तो लक्ष्य आसानी से पाप्त होता है । आज की परिस्थितियों में स्व-अनुशासन की अनिवार्यता है ।

ह्मारे समक्ष कुछ ऐसे उदाहरण है जो अनुकरणीय हैं । इनका व्यक्तित्व एक आदर्श व्यक्तित्व है । इनकी कही बातें ह्मारे मार्ग को प्रशस्त करती है । इनका अपना अनुभव और अध्ययन हमें राह दिखाते है । ऐसे ही उदाहरणों में स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, मदरटेरेसा, अब्दुल कलाम आज़ाद जैसे अनेकों व्यक्तित्व है । ये लोग हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत है । इनके जीवन पर हम नज़र डाले तो हम पाते हैं कि ये सभी स्व-अनुशासन में रहने वाले थे । स्व-अनुशासन ठीक वैसा है जैसे एक अण्डा स्वयं फूटता है तो एक जीव का सृजन करता है वहीं कोई और उसे तोड़े तो जीव की मौत होती है । कहने का तात्पर्य है कि स्व- अनुशासन स्वतः ही आता है ये थोपे जाने वाला अनुशासन नहीं होता है । 

स्व – अनुशासन को कैसे लाया जाए ? स्व – अनुशासन, संयम के माध्यम से लाया जा सकता है । इस हेतु बचपन में हमें जो संस्कार मिले है उसे ही आधार बनाना होगा । हमें यदि बचपन में समझाया गया कि सुबह जल्दी उठना चाहिए तो इस हेतु हमें स्वयं ही ये तय करना होगा कि सुबह जल्दी उठना है... किसी के उठाने का इंतजार नहीं करना है । जब हम कोई भी कार्य नियमित रुप से करने लगेंगे तो वही हमारी आदत में परिवर्तित हो जायेगा जो कि एक नियम बन जायेगा और ह्मस्व – अनुशासित हो जायेंगे । ऐसे ही कई बातें हैं जैसे सत्य बोलना, ईमानदार रहना, मेहनत करना, बड़ो का सम्मान करना, छोटों से प्यार करना, सभी का आदर करना, टीम भावना से कार्य करना आदि ऐसे संस्कार है जो यदि हम आदत में बदल ले तो हमें फिर किसी नियंत्रण की आवश्यक्ता ही नहीं होगी । ह्मस्व – प्रेरित होकर आसानी से लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे ।

-देवेंद्र सिंह सिसोदिया इंदौर 9425478044