एम्स भोपाल की पहल से उभरता 'गरिमापूर्ण अंत जीवन' मॉडल: अस्पताल से कम्युनिटी तक विस्तार की राह
भोपाल। राजधानी स्थित एम्स में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी पहल की गई है। यहां पेलिएटिव केयर यूनिट शुरू की गई है। यह यूनिट रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में आने वाले उन मरीजों के लिए तैयार की गई है, जो कैंसर या इस तरह के अन्य जीवन घातक रोग से ग्रसित हैं। यहां उन्हें इलाज के साथ मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक सहारा भी दिया जाएगा।
10 बेड से यूनिट की हुई शुरुआत
इस यूनिट की शुरुआत फिलहाल 10 बेड के साथ की गई है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि पेलिएटिव केयर यूनिट केवल एक चिकित्सा सुविधा नहीं, बल्कि गरिमा, संवेदना और समग्र देखभाल का प्रतीक है। यह वार्ड कैंसर मरीजों और उनके परिजनों की पीड़ा को कम करने की कोशिश करेगा।
जाने क्यों तैयार हुई है यूनिट
कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझते मरीज शारीरिक नहीं, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी टूट जाते हैं। ऐसे में पेलिएटिव केयर उन्हें एक ऐसा सहारा देती है, जो इलाज के पार भी साथ रहता है। इसमें सम्मान, समझदारी और सहजता के साथ मरीजों को डील करने पर फोकस होता है। जिससे गंभीर बीमारी के अंतिम चरण में भी मरीजों को गरिमापूर्ण और स्नेहभरा वातावरण मिल सके। यह चिकित्सा से आगे एक मानवीय पहल मानी जाती है।
डॉक्टर, नर्स, काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता रहेंगे मौजूद
इस यूनिट की खास बात है टीम आधारित देखभाल प्रणाली। जिसमें डॉक्टर, नर्स, काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर मरीज की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं। यह टीम विशेष रूप से इस यूनिट के लिए तैनात की गई है। यहां केवल रोग का इलाज नहीं, बल्कि मरीज और परिवार के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से काम किया जाएगा।
क्या मिलेगी सुविधा
1- मानसिक और सामाजिक काउंसलिंग
2- परिवार से मिलने और समय बिताने की अलग व्यवस्था
3- मरीज की मौत पर परिजनों को परामर्श और सहयोग
4- मरीजों के लिए करुणामयी और गरिमामय वातावरण