भोपाल । डे केयर सेंटर, महाकाली सोसायटी गुलमोहर भोपाल में मॉरीशस से पधारे साहित्यकार राज हीरामन जी के अभिनंदन का कार्यक्रम, रामायण केंद्र भोपाल द्वारा आयोजित किया गया। उत्सव पुरुष श्री राज हीरामन जी के साथ ही केंद्र के निदेशक डॉ राजेश श्रीवास्तव, जवाहर कर्णावट, मोहन तिवारी आनंद, पंडित निलिम्ब त्रिपाठी, डॉ गौरीशंकर शर्मा गौरीश जी भी मंचासीन रहे।   कार्यक्रम का सफल और सरस संचालन गोकुल सोनी ने किया। 
     आरम्भ में डॉ राजेश श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन में श्री हीरामन, मॉरीशस और भारत के संबंधों पर प्रकाश डाला। कांता रॉय ने हीरामन जी के साहित्यक अवदान पर प्रकाश डालते हुए आशा व्यक्त की कि लघुकथा शोध केंद्र को उनका मार्गदर्शन मिलेगा। जवाहर कर्णावट जी ने हिंदी के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु हीरामन जी के संघर्ष से अवगत कराया। डॉ मोहन तिवारी आनंद ने तुलसी साहित्य अकादमी की ओर से स्वागत करते हुए उनके आगमन को एक उपलब्धि बताया। निलिम्ब त्रिपाठी जी ने उनसे अपने आत्मीय संबंधों का जिक्र करते हुए मॉरीशस में रामकथा हेतु उनके प्रयासों का उल्लेख किया।
         हीरामन जी ने उन कारणों पर प्रकाश डाला जिनके कारण उन्होंने स्थायी रूप से शेष जीवन भोपाल में बिताने  का निर्णय लिया।  उन्होंने भोपाल की साहित्यिक समृद्धि का जिक्र करते हुए मॉरीशस और भोपाल के रिश्तों को प्रगाढ़ बताया तथा राजेश श्रीवास्तव, कांता रॉय, जवाहर कर्णावट, श्रीमती संतोष श्रीवास्तव  जैसे मित्रों  की आत्मीयता का उल्लेख  किया।डॉ गौरीशंकर शर्मा गौरीश, कुमकुम गुप्ता, प्रीती प्रवीण खरे, अशोक धमैनियाँ, चंद्रभान राही, विवेक श्रीवास्तव, ने अपनी अपनी संस्थाओं की ओर से उनका स्वागत किया। अंत मे पंकज श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में सुरेश पटवा, विश्वनाथ शर्मा विमल, शरद व्यास, नीति श्रीवास्तव, शिवकुमार दीवान के साथ ही कई साहित्यकार बन्धु उपस्थित रहे।

रिपोर्ट -गोकुल सोनी, भोपाल