मिल जुलकर साथ मनायें सारे त्यौहार। 

परिवार बिना सुना लगता संसार। 

परिवार के बिना जीवन अधूरा रहता है। 

सब रिश्तों से मिलकर परिवार बनता है। 

परिवार सुखी जीवन का आधार होता है । 

प्यारे इंद्रधनुष सा बड़ा परिवार बनता है।

जो ना छोड़े कभी एक दूसरे का साथ। 

हर पल बढ़ाये एक दूसरे के लिये हाथ। 

सब से प्यारा सबसे सुंदर होता है परिवार। 

खुशियों का उपवन जहाँ, हर दम रहता प्यार। 

सुख दुख में सबका साथ निभाता परिवार। 

दादा दादी, नाना नानी की बातों में है जीवन का सार। 

नाजुक डोरी रिश्तों की, मांगे थोड़ा प्यार।

-मनीषा जोशी

खोपोली महाराष्ट्र।