जबलपुर। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा २७ जुलाई २०१९ के  आदेश के तहत मध्यप्रदेश मे कार्यरत अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के नवीन शिक्षक संवर्ग में नियुक्त किया गया है, १२ वर्ष पश्चात होने वाली क्रमोन्नति हेतु अध्यापक संवर्ग में उनके द्वारा की गई सेवा अवधि की गणना करने का स्पष्ट प्रावधान है।    
      आदेश के तहत प्रदेश में १ जुलाई २०१८ एवं उसके पश्चात १२ वर्ष पूर्ण करने वाले नवीन शिक्षकों को अनेक जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा क्रमोन्नति आदेश जारी कर दिये गये थे एवं उन्हें क्रमोन्नत वेतनमान का नगद लाभ भी मिलने लगा था, क्रमोन्नत वेतन मिलने के ३ वर्ष बाद दिनांक ८ मार्च २०२१ को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा जारी आदेश के द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश प्राप्त नहीं होने का कारण देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी क्रमोन्नति आदेशों को स्थगित कर दिया गया है, 
           मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश अधिक जीतेन्द्र सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय में मांग पत्र देकर नवीन शिक्षक संवर्ग के सभी कर्मचारियों को पूर्व आदेश के तहत क्रमोन्नति का लाभ देने की मांग की है साथ ही किसी भी शिक्षक से दी गई क्रमोन्नति के लाभ की बसूली ना किये जाने की मांग की गई है।
पत्र में बताया गया है कि लोक शिक्षण कार्यालय की अंधेर गर्दी के चलते संबंधित डीडीओ द्वारा इन शिक्षकों का वेतन पुनः कम कर कर दिया गया है वाहीं बढ़े हुए वेतन की रिकवरी शुरू कर दी गई है। जिससे नवीन शिक्षक संवर्ग को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
          मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, धीरेन्द्र सिंह, प्रदीप पटेल, एस के बांदिल, गोविंद विल्थरे, ब्रजेन्द्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, नितिन अग्रवाल, सुभाष गौतम, दुर्गेश पांडेय, मनोज राय, मंसूर वेग ने १ जुलाई २०१८ एवं उसके पश्चात १२ वर्ष पूर्ण करने वाले नवीन शिक्षक संवर्ग की क्रमोन्नति के आदेश तत्काल जारी करने और किसी भी शिक्षक से वसूली न किये जाने की मांग की है।