सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है - कुलपति प्रो. केजी सुरेश

हमारी संस्कृति में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है - प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह 

आम बोलचाल की भाषा में लिखें  - राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी

भोपाल - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मामा माणिकचंद वाजपेयी सभागार में बुधवार को दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । जनसंपर्क अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी थे, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की ।  
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आज का युग संवाद का युग है । वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले फील्ड पर जाकर रिपोर्टिंग की जाती थी, लेकिन आज डेस्कटॉप जर्नलिज्म का जमाना है । कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को बिल्कुल बदल दिया है, जिससे न्यूज फार्मेट भी बदल गया है । उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अधिकारियों के लिए ये अवसर भी है और चुनौती भी है । प्रो सुरेश ने कहा कि ये सूचना प्रोद्योगिकी मात्र नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है । 
प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है, इसलिए हर व्यक्ति को सीखते रहना चाहिए । श्री सिंह ने कहा कि मीडिया में लगातार बहुत परिवर्तन हो रहे हैं, इसीलिए जनसंपर्क अधिकारियों को उसके अनुसार अपने आपको ढालना चाहिए । उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत कम खर्च में अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है । श्री सिंह ने लेखन कला को परिष्कृत करने की बात करते हुए जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि किसी भी विषय को इस तरह से प्रस्तुत करना चाहिए की पाठक उसे पढ़ने को उत्सुक हो जाए ।
विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता में कठिन भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए । उन्होंने कहा कि भाषा ऐसी होना चाहिए की आम व्यक्ति सरल तरीके से उसे सीधे समझ जाए । उन्होंने सोशल मीडिया की भाषा पर कहा कि इसकी भाषा आम बोल चाल की भाषा है । श्री तिवारी ने जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि वे कुछ अलग हटकर कहानी की भी तलाश करें जो अभी तक समाज के सामने नहीं आई है, यदि वे करते हैं और ऐसा कहानी सामने आती है तो समाज और देश को दिशा मिलेगी । कोई न कोई जौहरी बैठा है जो आपको पहचान लेगा। उन्होंने जनसंपर्क अधिकारियों से सोशल मीडिया का उपयोग करने की बात कही । श्री तिवारी ने इसके साथ ही एक सुझाव देते हुए जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि वे हफ्ते में एक दिन अलग-अलग विधाओं वाले व्यक्तियों से बात करें, टेबल टॉक करें, या गेट टू गेदर करें, इससे सरकारी दायित्व भी पूरा होगा उनके संचित ज्ञान में वृद्धि भी होगी और ऐसा करके वे पुण्य भी कमा सकते हैं ।