नई दिल्ली । दिल्ली मैं लोकसभा की 7 सीट है। अभी यह सातों सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है। पिछले दो चुनाव में दिल्ली सरकार के रूप में यहां के मतदाता केजरीवाल को भारी बहुमत से जिताने का काम करते हैं। वहीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जिताने का काम मतदाता करते हैं। 
2024 के लोकसभा चुनाव में अब स्थिति पूरी तरह से बदली हुई दिख रही है। पिछले 10 साल में यमुना का पानी बहुत बह गया है। मोदी के नाम पर जीते बीजेपी के सांसदों ने ऐसा कुछ नहीं किया,जिससे मतदाताओं का रुझान भाजपा के प्रति बने। उल्टे इस बार केजरीवाल दिल्ली की जेल में बंद है। 
विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में लगभग 35 फ़ीसदी मतदाता फ्लोटिंग
वोटर के रूप में जाने जाते हैं। इस बार केजरीवाल के पक्ष में सहानुभूति की हवा चल रही है। यह 35 फ़ीसदी वोट इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को मिलना तय माना जा रहा है। ऐसी स्थिति में दिल्ली का इतिहास एक बार फिर बदलने जा रहा है। ऐसा मतदाताओं के रुझान से पता चल रहा है। 
पिछले दो चुनाव से भाजपा के पास दिल्ली की सभी 7 संसदीय सीटों पर कब्जा था। 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पास एक भी सीट नहीं थी। लगता है, दिल्ली का इतिहास एक बार फिर बदलने जा रहा है। 2009 की स्थिति में इंडिया गठबंधन की जीत 2024 की लोकसभा के चुनाव में होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। फ्लोटिंग वोट की चर्चाएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं।