साभिनय कविता पाठ और नाटक के रूप सीखे बच्चों ने

इंदौर, "हल्ला-गुल्ला" में सुबह से बच्चों ने नाटकों का अभ्यास किया। इसी दौरान उनसे मिलने प्रथम "हल्ला-गुल्ला" से प्रशिक्षण प्राप्त तन्मय मुखर्जी आये और उन्होंने अपने संस्मरण बच्चों को सुनाए।इसके बाद कस्तूरबा ग्राम विद्यालय की प्राचार्य और कथक नृत्य में पारंगत ऋषिना नाटू बच्चों से मिलने पधारी। उन्होंने नृत्य के भाव में नौ रसों के विषय में विस्तार से बतलाया। उन्होंने अपने चेहरे के हाव भाव को हर रस के अनुसार बदल कर दिखलाया। आज इन्दौर के जाने माने वरिष्ठ रंगकर्मी राजन देशमुख भी आए और नाटक से संबंधित विभिन्न कार्यों की जानकारी बच्चों को दी। उन्होंने बतलाया कि केवल अभिनेता ही नहीं बल्कि किस प्रकार विभिन्न तरह के कलाकार नाट्य कर्म से जुड़ते हैं।
वैसे तो इस कार्यक्रम में 12 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को ही लेने का प्रावधान था परन्तु ग़लती से दो छोटी बच्चियां भी जुड़ गई, 7 एवं 8 वर्ष की। उन दोनों को तपन मुखर्जी ने दो कविताएँ सिखा दी, दर्शकों के सामने साभिनय पाठ के लिए। कुल मिलाकर शानदार हो रहा है इस शिविर में।