कच्चे तेल के और महंगा होने की आशंका है। जेपी मॉर्गन एंड चेज का अनुमान है कि अगस्त-सितंबर तक कच्चा तेल 100 डॉलर के पार पहुंच सकता है। इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ने को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई है। जेपी मॉर्गन एंड चेज के मुताबिक, कई देशों के बीच नए सिरे से तनाव बढ़ने और आपूर्ति में कमी से क्रूड की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। हाल में क्रूड छह महीने के उच्च स्तर 90 डॉलर के पार पहुंच गया था।

वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी महंगाई

विश्लेषकों के मुताबिक, क्रूड में तेजी महंगाई को लेकर भी चिंता बढ़ा रही है। इससे केंद्रीय बैंकों की दर में कटौती की योजनाओं पर असर पड़ सकता है। वैश्विक आधार पर मांग ठीक है, लेकिन आपूर्ति कम है। मेक्सिको से तेल निर्यात पिछले महीने 35 फीसदी गिरकर 2019 के बाद से निचले स्तर पर आ गया। मार्च में मेक्सिको, अमेरिका, कतर और इराक ने अपने संयुक्त तेल उत्पादन में प्रतिदिन 10 लाख बैरल से अधिक की कटौती की।

इस्रायल व ईरान के बीच तनाव का माहौल है। दोनों देशों में कभी भी युद्ध की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा, कमोडिटी संचालित महंगाई फिर से वापस दिखने लगी है। इससे क्रूड की कीमतें बढ़ने की प्रबल आशंका है।
मेक्सिको की ओर से क्रूड निर्यात को कम करने का हालिया कदम वैश्विक स्तर पर दबाव बढ़ा रहा है। इससे अमेरिका में तेल की खपत बढ़ गई है।
अमेरिकी प्रतिबंधों ने रूसी माल को समुद्र में फंसा दिया है। अगला लक्ष्य वेनेजुएला की आपूर्ति बाधित करना है। लाल सागर में टैंकरों पर हूती विद्रोहियों के हमलों से क्रूड निर्यात शिपमेंट में देरी हुई है।
उथल-पुथल के बावजूद ओपेक देश उत्पादन कटौती पर अड़े हैं। इससे ब्रेंट क्रूड के दो वर्षों में पहली बार 100 डॉलर तक पहुंचने का खतरा पैदा हो गया है।