मंदिरों को स्वायत्त घोषित करें - शिवराज सिंह चौहान से मांग
इंदौर, धर्म संवाद एवं मठ मंदिर स्वच्छता संकल्प दिवस 2 अप्रैल को पीसीसी कार्यालय भोपाल में मनाया गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संकल्प लिया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही मठ मंदिरों को पूर्ण स्वच्छता दी जाएगी उनमें किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप किसी व्यक्ति संस्था समितियां ट्रस्ट का नहीं होगा | किंतु परशुराम जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा मंदिरों की जमीन को नीलाम करने उन पर समितियां बनाने घोषणा की गई यह अवैधानिक है उच्चतम न्यायालय भी जब भगवान को न्यायिक व्यक्ति मान चुका है उस और उसके नाम से संपूर्ण संपत्ति दर्ज करने के लिए आदेशित कर चुका है किंतु धर्म का चोला ओढ़ कर चल रही धर्म की सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी नहीं मान रही |
मध्यप्रदेश कांग्रेसी युवा मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुधीर भारती ने यह बात कही | उन्होंने शिवराज पर पुजारियों की मंदिर भूमि विक्रय का आक्षेप लगाया किंतु हम उनसे पूछना चाहते हैं कि जब पिछले 50 वर्षों से कलेक्टर का नाम दर्ज है तो मंदिर की भूमि कैसे बिक गई | पुजारी स्वामित्व की नहीं स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं यह आजीविका नहीं धर्म की लड़ाई है | समितियां बनाकर उन्हें अपने राजनीतिक लोगों को सम्मिलित करवा कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार धर्म का भी राजनीतिकरण करना चाहती है | मुगलों और अंग्रेजों के शासन काल में भी पुजारी मंदिरों की सेवा करते रहे है और तभी से करते आ रहे हैं तब से आज तक किसी समिति ट्रस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ी मंदिरों की जमीन के संबंध में मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता संहिता का भी सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है शिवराज सिंह चौहान करे तो यह कि मंदिरों को स्वायत्त घोषित करें |