फर्जी नाम से कोर्ट मे जज, वकीलों के खिलाफ भेजा था आवेदन


भोपाल। राजधानी की क्राइम ब्रांच पुलिस ने फर्जी नाम से अदालत में न्यायाधीश व अधिवक्ताओ के विरुद्ध शिकायती आवेदन भेजने के मामले में रिटायर्ड आइएएस निसार अहमद के खिलाफ जालसाजी का मामला कायम किया है। निसार अहमद वक्फ बोर्ड के प्रशासक भी रह चुके हैं। इस मामले में फरियादी तारिक सिद्दीकी ने शिकायत की थी, जांच में शिकायत सही पाये जाने पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। क्राइम ब्रांच अधिकारियो के मुताबिक पुराने शहर के शाहजहांनाबाद थाना इलाके मे रहने वाले अधिवक्ता तारिक सिद्दीकी ने लिखित शिकायती आवेदन देते हुए बताया था, कि कुछ न्यायाधीशों को डाक के जरिए एक पत्र मिला था। उसमें प्रेषक के स्थान पर राजेश मेहरा, अधिवक्ता निवासी बागमुगालिया लिखा हुआ था। इस पत्र में कुछ न्यायाधीशों एवं भोपाल अदालत के कुछ वकीलों के बारे में काफी अशोभनीय बातें लिखते हुए मनगंढ़त आरोप लगाए गए थे। इसे लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए क्राइम ब्रांच को पत्र लिखा था। पुलिस जांच में सामने आया कि बागमुगालिया इलाके में राजेश मेहरा नाम का कोई भी वकील नहीं रहता है, जिसके नाम से पत्र भेजा गया है। वहीं यह पत्र 28 जनवरी 2023 को जुमेराती स्थित छोटे से पोस्ट आफिस से भेजा गया था। लेकिन वहां सीसीटीवी कैमरे न होने से खास सुराग नहीं मिल सका। आगे की छानबीन में सामने आया कि यह पत्र शाहजहांनाबाद में ही स्थित एक टाइपिंग की दुकान से टाइप कराया गया था। टीम टाइपिंग दुकान संचालक शादाब अहमद तक पहुंची जिसने पूछताछ में बताया कि यह पत्र राशिद गौरी नामक व्यक्ति टाइप करवाने आया था। कड़िया जुड़ने पर पुलिस ने राशिद से पूछताछ की, उसने बताया कि रिटायर्ड आइएएस निसार अहमद ने उसे अपने घर बुलाकर यह पत्र टाइप कराकर लाने को कहा था, और उस समय उनके साथ दो-तीन लोग और बैठे थे। अन्य बिंदुओ की जांच के आधार पर क्राइम ब्रांच ने अभियोजन शाखा से राय लेने के बाद निसार अहमद के खिलाफ कूटरचना व लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की हैं। अफसरो का कहना है कि आगे की जॉच के आधार पर प्रकरण में आईटी एक्ट की धाराएं भी बढ़ने की संभावना है। वहीं पत्र देते समय निसार अहमद के साथ उनके घर पर बैठै दो अन्य लोग कौन थे, इसकी भी जांच की जायेगी। सूत्रो के अनुसार मामले मे दो अन्य वकीलों की भुमिका भी सदिंग्ध पाई गई है, जिसकी जांच के बाद आगे की कार्यवाही तय की जायेगी। 

रिटायर्ड आइएएस ने ऐसा क्यों किया
छानबीन मे सामने आया कि फरियादी वकील तारीक सिद्दीकी ने निसार अहमद के बेटे के भोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में आयुष्मान घोटाले का प्रकरण कोर्ट में लगाया था, जिससे घबराकर निसार अहमद ने वकीलों व जज की प्रतिष्ठा खराब करने के लिए उसी न्यायालय में फर्जी बातें लिखकर दूसरे व्यक्ति के नाम से कई पत्र भेज दिये थे।