जहां शब्दों की जरूरत नहीं, वही कार्टून

इंदौर। ज्वलंत मुद्दों पर हर आदमी की जुबां है कार्टून।बेहतर कार्टून वह होता है जिसको शब्दों की जरूरत नहीं पड़े। बड़ी घटनाओं पर जो काम लंबे आलेख नहीं कर सकते, वह काम कार्टून कर गुजरता है। 

यह बात स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित कार्टून एवं पेंटिंग कार्यशाला के चार दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर अतिथियों ने कही। कार्यक्रम में एमआईसी मेंबर  राजेन्द्र उदावत, वरिष्ठ पत्रकार सुभाष खंडेलवाल, समाजसेवी अशोक बंसल, गजेन्द्र वैष्णव एवं शिवाजी श्रीवास्तव अतिथि के रूप में उपस्थित थे।अतिथियों ने कहा कि अच्छा कार्टून वर्षों तक मन-मस्तिष्क पर छाया रहता है। कार्टूनिस्टों की व्यंग्यात्मक शैली को आम जनता अधिक पसंद करती है। 

कार्यशाला के प्रशिक्षक वरिष्ठ कार्टूनिस्ट देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि  भारत के महान कार्टूनिस्ट केशव शंकर पिल्लई बाल्यकाल से कार्टूनिस्ट बनना चाहते थे। स्कूल में पढ़ाई की बजाए वह पढ़ाने वाले प्राध्यापकों के कार्टून बनाया करते थे। आगे चलकर वे देश के ख्यातनाम कार्टूनिस्ट बने। श्री शर्मा ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से ही प्रतिभाएं निखरकर सामने आती हैं।

इस अवसर पर अतिथियों ने आरना गुप्ता प्रथम, उज्ज्वल मुजालदा द्वितीय, युवान यादव तृतीय एवं आराध्या जैन प्रोत्साहन पुरस्कार को सम्मानित किया। शिविर में भाग लेने वाले मीडियाकर्मियों के बच्चों को प्रमाण-पत्र, बेग, लंच बाक्स, वाटर बॉटल, कैप, चॉकलेट भेंट की गई। प्रारंभ में अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों का स्वागत अजयसिंह सिसौदिया, सुदेश गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता एवं विनोद पाठक ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य महासचिव नवनीत शुक्ला ने किया। अंत में रचना जौहरी ने आभार व्यक्त किया।