वाशिंगटन। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्‍फाबेट के 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बाद से ही बाकी कर्मचारी में घबराहट है। आगे और कर्मचारियों की छंटनी करने की आशंका के चलते अब कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। अल्‍फाबेट कर्मियों ने अब सीईओ सुंदर पिचई को एक ओपन पत्र लिखा है। खत में उन्‍होंने पिचई से 5 मांगे की हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी इन मांगों पर पिचई को सार्वजनिक रूप से मुहर लगानी चाहिए। वे ऐसा करने में सक्षम हैं, ही साथ ही केवल वहां ही उनकी इस उम्‍मीद को पूरा कर सकते हैं। 
कर्मचारियों ने लिखा है कि छंटनी के इस दौर में कर्मचारियों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। कोई भी कर्मचारी अकेला अपने हक की सुरक्षा करने में फिलहाल सक्षम नहीं है। इसीलिए कंपनी के सभी कर्मचारियों ने अब सामूहिक रूप से अपनी मांगों से कंपनी को अवगत कराने के लिए खुला पत्र लिखने का निर्णय लिया है। 
पत्र में कर्मचारियों ने मांग की है, कि जब तक कंपनी में छंटनी का दौर चलता है, तब तक अल्‍फाबेट में नए कर्मचारियों की भर्ती न की जाए। अगर भविष्‍य में कंपनी कर्मचारियों को हायर करती है, तब उसमें कंपनी को छंटनी किए गए कर्मचारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। पत्र में कर्मचारियों ने गूगल के सीईओ से कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की छंटनी होती है, तब उसे अपना पूरा नोटिस पीरियड सर्व करने की अनुमति होनी चाहिए। साथ ही काम से निकाले गए कर्मचारियों को कंपनी नौकरी ढूंढ़ने में सहायता भी करे। इसके अलावा कर्मचारियों ने यूक्रेन, रूस जैसे मानवीय संकट वाले देशों में कर्मचारियों को नहीं निकालने की अपील भी की है। 
पिचई को लिखे खुले खत में कर्मचारियों ने मांग की है कि शैड्यूल्‍ड लीव पर गए कर्मचारी को उसका अवकाश समाप्‍त होने तक नौकरी समाप्‍त करने का नोटिस नहीं देना चाहिए। नोटिस दिए गए कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाए और उसे कंपनी से सम्‍मानपूर्वक विदा होने का अवसर मिले। कर्मचारियों की छंटनी करते समय सुनिश्चित करें कि लिंग, आयु, नस्लीय या जातीय पहचान, जाति, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो।