पन्ना टाइगर रिजर्व में करंट लगाकर बाघ और लकड़बग्घा का शिकार
पन्ना । पन्ना टाइगर रिजर्व में मंगलवार को बाघ और एक लकड़बग्घा की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह मौत 1 दिन पूर्व करंट की चपेट में आने से हुई है जिसकी जानकारी आज विभाग को मिलने से आला अधिकारी सहित वन अमला मौके पर पहुंचा और घटना की जांच में जुट गया है। मालूम हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते माह एक बाघ की फंदे में लटकने से मौत का मामला अभी लोग भूले ही नहीं थे कि यह दूसरी घटना सामने आ गई है। इसके बाद अब पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन सवालों के घेरे में आ गया है। घटना पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत बसुधा बीट के कक्ष क्रमांक 521 की बताई जा रही है। बाघ की उम्र लगभग 2 वर्ष बताई गई है। बताया गया है कि जंगल में शिकारियों के द्वारा सुअर या अन्य जानवरों के शिकार के लिए विद्युत तार बिछाया गया था। जिसकी चपेट में बाघ और हायना के आने से दोनो की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जानकारी मिलते ही फील्ड डारेक्टर बृजेन्द्र झा एवं वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव गुप्ता मौके पर पहुंचे और बाघ एवं हायना के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया। करंट फैलाने वाले शिकारियों तक पहुंचने के लिए डॉग स्कॉयड टीम बुलाकर जांच की जा रही है।
कहीं गर्त की ओर अग्रसर तो नहीं हो रहा पीटीआर
एक के बाद एक बाघ की मौत कहीं इस बात की ओर इशारा तो नहीं कर रही हैं कि कहीं पन्ना टाइगर रिजर्व पूर्व की भांति गर्त की ओर तो नहीं जा रहा है। मालूम हो कि वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन घोषित कर दिया गया था। कारण यही था कि एक के बाद एक बाघों के शिकार हो रहे थे। वर्तमान समय में 80 से अधिक बाघों वाले इस टाइगर रिजर्व में कहीं अंतरराष्ट्रीय शिकारियों की नजर तो नहीं पड़ गई। कहीं ना कहीं पन्ना टाइगर रिजर्व में शिकारी सक्रिय हुए हैं तभी इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं ऐसा माना जा रहा है।