बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा उत्तरी कर्नाटक में अपने प्रदर्शन में सुधार कर सीटों की संख्या में इजाफा करना चाहती है। वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। राजनीतिक दलों की उथल-पुथल के बीच अब ओवैसी की पार्टी की कर्नाटक चुनाव में एंट्री से सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 
एआईएमआईएम ने कर्नाटक के विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है। पार्टी की ओर से लिस्ट में तीन नामों की घोषणा की गई है। बताया जा रहा है कि अन्य नामों को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एआईएमआईएम जेडीएस के साथ गठबंधन के फिराक में लगी है।
एआईएमआईएम द्वारा जारी किए गए तीन नामों में हुबली धारवाड़ पूर्व से दुर्गप्पा कशप्पा बिजावाड़, बेलगावी उत्तर से लतीफ खान अमीरखान पठान और बासवाना भगेदवाड़ी से अल्लाबक्श महबूब सब बीजापुर कर्नाटक में पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा गया हैं। इसके अलावा पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कुमार ने जामकंडी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया। इसके अलावा एआईएमआईएम बागलकोट के अध्यक्ष अब्दुल साब जमादार और उनकी टीम भी मौजूद थी एआईएमआईएम पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष उस्मान गनी ने इस महीने की शुरूआत में बताया था कि उनकी योजना 25 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी न कहा था कि उन्होंने अभी तक तीन नामों की घोषणा की है।
ओवैसी ने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति करती आई है। बीजेपी की गंदी राजनीति को खत्म करने के लिए पार्टी कैडर को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सांप्रदायिक नफरत से मुक्त है। ओवैसी ने कहा कि वह राज्य के सभी लोगों से अपील करते हैं कि वोट डालने से पहले घरों में गैस सिलेंडर को नमस्कार करें। क्योंकि इसकी कीमतें ही जनादेश तक करने का काम करेंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एआईएमआईएम का जेडीएस के साथ गठबंधन पर की जा रही बातचीत अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इसके पहले गनी ने बताया था कि पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जेडीएस के साथ एआईएमआईएम पार्टी की बातचीत जारी है। हालांकि प्रस्ताव का जवाब देना अभी बाकि है। इसके अलावा ओवैसी ने कहा था कि वह निश्चित रूप से चुनाव लड़ने वाले हैं, उनकी पार्टी का गठबंधन होगा या नहीं इसके लिए इंतजार करना होगा। 
ओवैसी ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। क्योंकि वह उनपर झूठे और निराधार आरोप लगाते हैं। बता दें कि कर्नाटक चुनाव में पहली बार एआईएमआईएम चुनाव लड़ रही है। इससे पहले साल 2018 में 224 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में एआईएमआईएम ने जेडीएस का समर्थन किया था। लेकिन इस पार्टी का कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरा था।