सकारात्मकता पाने के लिए प्रकृति का संग होना आवश्यक... डॉ० विकास दवे 

 मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति,इंदौर में   वामा साहित्य मंच के बैनर तले सुजाता देशपांडे के काव्य संग्रह "रिमझिम" का विमोचन हुआ। मुख्य अतिथि  मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे और संतोष अग्निहोत्री आकाशवाणी इंदौर थे।विशेष अतिथि के रूप में  पद्मा राजेंद्र, संस्थापक अध्यक्ष वामा साहित्य मंच और हिंदी परिवार अध्यक्ष हरेराम वाजपई जी उपस्थित रहें।
सरस्वती वंदना स्मिता मोकाशी द्वारा की गई।
अतिथि स्वागत अलका करंदीकर अभय तारे और सुगंधा गणेश ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वामा सचिव शोभा प्रजापत ने लेखिका को बधाई देते हुए मंगलकामनाएं प्रेषित की ।पुस्तक रिमझिम के कवर पेज को आर्किटेक्ट निहारिका तारे ने डिजाइन किया है।
इस मौके पर विकास जी ने अपने उद्बोधन में कहा...मिट्टी की तासीर है कि यहाँ के युवा देश के लिए प्राणोत्सर्ग कर जाते हैं। सकारात्मकता पाने के लिए प्रकृति का संग होना आवश्यक है।जो सुजाता जी की रचनाओं में दिखाई देता है । 
आभार डॉ सुवर्णा लपालीकर ने माना ।कार्यक्रम का संचालन  डॉ उन्मेखा तारे ने किया।कार्यक्रम में
डाक्टर एम आय कुरैशी,डाक्टर निहार गीते, गोविन्द सिंघल,संगीता अग्निहोतरी, वैशाली नजाण सहित अनेक साहित्य, खेल,संगीत व शिक्षा जगत से जुड़े लोग उपस्थित थे।