वैष्णव स्कूल की1974  बैच के छात्रों का 50 साल बाद अद्भुत मिलन

गुरुजनों व प्रबंध समिति का किया सम्मान, जीवंत हो उठी गुरु-शिष्य परंपरा

इंदौर। श्री क्लाथ मार्केट वैष्णव हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्रांगण में  गुरु-शिष्य परंपरा जीवंत हो उठी। राजमोहल्ला स्थित वैष्णव स्कूल में वाणिज्य संकाय के वर्ष 1974  बैच के छात्रों का मिलन एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान करते हुए स्वर्णिम जयंती समारोह का भव्य आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन भूतपूर्व छात्रों ने अपने गुरुजनों के सम्मान में पलक-पांवड़े बिछा दिए, जिन्होंने पांच दशक पूर्व यहीं से अपनी शैक्षणिक यात्रा प्रारंभ की थी। इस अवसर पर 1974  बैच को शिक्षा देने वाले गुरुजनों ने अपने विचार भी रखे।  गुरुवर और प्रख्यात राष्ट्रीय कवि श्री सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि इन छात्रों में उस वक्त हम ने  जो संस्कार दिए  थे, वे आज भी दिखाई दे रहे हैं। गुरुजनों ने छात्रों की जमकर तारीफ की। भारतीय संस्कृति और छात्रों को दिए गए संस्कार का उन्होंने वर्णन किया।श्री सत्तन ने कहा कि आज मुझे वो अद्भुत क्षण याद आ रहें हैं  । श्री सत्तन के सम्मान में छात्रों ने  तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सभागृह को गुंजा दिया। 50  साल पहले हमारे द्वारा जो शिक्षा दी गई है, वह मैं इन छात्रों में देखकर अभिभूत हूं। इस अवसर पर अन्य गुरुजन श्री महेश सिंह भदौरिया, श्री एम. के. जैन एवं श्री ओमप्रकाश व्यास ने भी अपने विचार रखे। पूर्व प्राचार्य श्री माधव परांजपे  ने उनके कार्यकाल में अनुशासन, शिक्षा एवं संस्कृति पर विचार रखे। 

प्रबंध समिति अध्यक्ष श्री कमल भुराड़िया ने अपने उद्बोधन में स्कूल की गतिविधियों और पारमार्थिक कार्यों की जानकारी दी। आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि पूर्व छात्र भी समारोह में छात्र बनकर ही रहे। एक भी छात्र स्टेज पर नहीं बैठा। गुरुजनों को स्कूल गेट से फूलों से सजी हुई खुली जीप में बैठाकर मंच तक लाया गया। इस बीच सभी छात्र दोनों ओर से पंक्तियों में खड़े होकर गुलाब के फूलों की वर्षा कर रहे थे। कुछ छात्र ढोल-ताशों के साथ जीप के आगे नाचते हुए चल रहे थे, यह दृश्य देखने लायक था। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में एनसीसी के बच्चों द्वारा परेड की गई। वंदेमातरम् व वैष्णवजन तो तेने कहिए... की प्रार्थना की गई, इसके बाद अब तक दिवंगत हुए छात्रों को २ मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई। 

५० साल बाद पुरानी यादों को किया स्मरण

कार्यक्रम के प्रारंभ में छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। सभी छात्रों ने 50  वर्ष बाद आपस में गले मिलकर पुरानी यादों को स्मरण किया। एक-दूसरे का परिचय हुआ और हंसी-ठिठोली भी की गई। कुछ छात्र अपने मित्रों को पहचान भी नहीं पाए। 

गुरुजनों के साथ प्रबंध समिति का भी किया सम्मान

गुरुजनों तथा प्रबंध समिति के सदस्यों को मेमोंटो प्रदान किए गए। प्राचार्य श्री मुदगल का भी सम्मान किया गया। सबसे पहले प्रबंध समिति के पदाधिकारी अध्यक्ष कमल भुराड़िया, सचिव रवि सिंघी, सह-सचिव मनीष बाहेती एवं एल्युमिनी मीट  के संयोजक अधीर अग्रवाल का सम्मान किया गया। 

1974 बैच के छात्र जितेंद्र सोनी ने सभी प्रबंध समिति एवं गुरुजनों के स्वागत में उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि गुरुजनों के संस्कार से ही हम सभी छात्रों ने आत्मीय मिलन समारोह एवं गुरुजनों का सम्मान किया है। 

सम्मान करने वाले पूर्व छात्रों में निर्मल सेठी, जितेंद्र सोनी, प्रदीप पाटोदी, पवन जजोदिया, सुरेंद्र पापड़ीवाल, अरुण गर्ग, अजय जैन, देवेंद्र अग्रवाल, श्रीकांत वर्मा, प्रभुल्ल जैन, गिरीश पापड़ीवाल, डॉ कमल हेतावल  आदि शामिल थे। अंत में पूर्व छात्र निर्मल सेठी ने सभी के सम्मान में आभार प्रकट करते हुए छात्रों की ओर से अतिथियों एवं गुरुजनों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन सुभाष काला ने किया।