वामा साहित्य मंच द्वारा 'सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा' प्रोजेक्ट का आयोजन
अंतर विद्यालीन ट्रैफिक क्विज प्रतियोगिता द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को किया जागरूक
यातायात नियमों को संस्कार के रूप में बच्चों को दिया जाए।.....विकास दवे
वामा साहित्य मंच के "सड़क सुरक्षा,जीवन रक्षा" पायलट प्रोजेक्ट के अंतिम चरण का आयोजन २७ अक्टूबर,०२३ ,शनिवार को मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में हुआ। मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रकल्प में शहर यातायात डीसीपी मनीष अग्रवाल जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डीआईजी महेश चंद्र जैन जी बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे।
वामा द्वारा शहर के यातायात सुधार हेतु स्कूलों में सभी उम्र के बच्चो को जागरूक करने के लिए गत जनवरी में पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया था,जिसे तीन चरणों में संपादित किया जाना था।प्रथम दो चरणों में बच्चों को ट्रैफिक कविताएं, चार्ट,कविता प्रतियोगिता आदि द्वारा ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया गया। अंतिम चरण के रूप में आयोजित इस आयोजन में इन्ही स्कूलों के बच्चों के मध्य ट्रैफिक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें क्रमशः अपर्णा मालू(माधव विधा पीठ) प्रथम, आर्या सुपेकर,(माधव विधा पीठ),हार्दिक यादव(सरस्वती शिशु मंदिर,साईनाथ),पावनी कोचले(सरस्वती शिशु मंदिर,खातीवाला टैंक) सम्मिलित रूप से द्वितीय रहें।
सरस्वती वंदना आशा मुंशी ने की। अतिथियों का स्वागत व स्मृति चिन्ह प्रदान वामा संरक्षक शारदा मंडलोई,प्रेम कुमारी नाहटा, उपाध्यक्ष ज्योति जैन, संस्थापक अध्यक्ष पद्मा राजेंद्र ने किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में इंदु पाराशर ने सदन को प्रोजेक्ट की जानकारी दी,साथ ही इस प्रोजेक्ट को आगे पांच अन्य स्कूलों और नगर निगम को हस्तांतरित करने की घोषणा की।निगम और यातायात विभाग द्वारा मिले सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वामा द्वारा इस प्रकल्प में हमेशा साथ रहने का आश्वासन दिया। इस मौके पर डॉ विकास दवे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा...
बहुआयामी होती है बहनें..यातायात नियमों को संस्कार का रूप दिया जाए।प्रतियोगिता में विजयी होना विजय नही है।सड़क पर यातायात नियमों का संस्कारों की तरह पालन करना हमारी विजय होगी।
डीसीपी मनीष अग्रवाल ने वामा की इस पहल का स्वागत करते हुए सफल प्रोजेक्ट हेतु बधाई दी।और कहा कि आज सभी बच्चे विजयी है।आभार सचिव शोभा प्रजापति ने माना।संचालन दिव्या मंडलोई ने किया।निर्णायक की भूमिका अमर चढ्ढा और डॉ अंजना चक्रपाणि ने निभाई।प्रश्नोत्तरी डॉ रागिनी सिंह और उषा गुप्ता द्वारा संचालित की गई।
इस मौके पर शहर की प्रतिष्ठित साहित्य संस्थाओं के गणमान्य पदाधिकारी मुकेश तिवारी,मुकेश इन्दोरी आदि उपस्थित थे।