श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा हंसदास मठ पर 16 दिवसीय निःशुल्क तर्पण अनुष्ठान का हुआ शुभारंभ
 
इंदौर, 29 सितंबर। श्राद्ध पक्ष अपने पितरों के लिए मोक्ष की मंगल कामना और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का शास्त्रोक्त पखवाड़ा है। हमारी संस्कृति में सात जन्मों तक रिश्ते माने गए हैं। इस दौरान पितरों के आशीर्वाद और उनकी सदभावनाएं हमें तो मिलती ही हैं, आने वाली पीढियों को भी संस्कारों से समृद्ध बनाती हैं। अपने दिवंगत पूर्वजों एवं पितरों के प्रति श्रद्धा का नाम ही श्राद्ध है।  
एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज ने श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित 16 दिवसीय निःशुल्क तर्पण अनुष्ठान के शुभारंभ प्रसंग पर उक्त विचार व्यक्त किए।  पं. पवनदास महाराज के विशेष आतिथ्य में भागवताचार्य पं. पवन तिवारी के आचार्यत्व में भगवान हरि विष्णु के पूजन के साथ तर्पण का शुभारंभ हुआ। प्रारंभ में संस्था के संयोजक हरि अग्रवाल, अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, राजेन्द्र गर्ग, डॉ. चेतन सेठिया, विनय जैन, मुरलीधर धामानी, हनुमान प्रसाद सारड़ीवाल, जगमोहन वर्मा, राजेन्द्र सोनी, कमल गुप्ता आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। आचार्यश्री की अगवानी गिरधर सोनी, शंकरलाल वर्मा, बद्रीलाल परमार, पुरुषोत्त्म मेड़तवाल आदि ने की। आज यहां 350 से अधिक साधकों ने विधि-विधान पूर्वक पं. तिवारी के निर्देशन में अपने-अपने पितरों के प्रति तर्पण क्रिया संपन्न की। तर्पण के बाद निर्धनों, पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद की व्यवस्था भी यहां प्रतिदिन रखी गई है। सभी साधकों के लिए तर्पण सामग्री थाली, कलश, दूध, दुर्वा, तिल्ली, जौ, पुष्प एवं जनेऊ सहित सभी सामग्री समिति की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। संचालन हरि अग्रवाल एवं राजेन्द्र सोनी ने किया और आभार माना राजेंद्र गर्ग ने। तर्पण के दौरान दिवंगत पूर्वजों, स्वतंत्रता सेनानियों, देश के लिए शहीद हुए जवानों, इंदौर रियासत के पूर्व होल्कर शासकों तथा गौमाता के लिए भी मोक्ष की कामना के साथ विश्वशांति एवं जन मंगल के अनुष्ठान भी हुए। 


सुबह 7.30 बजे तक पहुंचे- समिति के अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, संयोजक हरि अग्रवाल एवं राजेंद्र गर्ग ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में रविवार से 14 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक तर्पण अनुष्ठान होगा। आम श्रद्धालु यहां आकर निःशुल्क तर्पण कर सकेंगे। तर्पण मे प्रयुक्त सभी सामग्री की व्यवस्था समिति द्वारा की जाएगी। इस दौरान 7 से 13 अक्टूबर तक पितृ मोक्षदायी भागवत कथा भी आचार्य पं. पवन तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी। जिन परिजनों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात है, वे उस तिथि के दिन प्रातः 7.30 बजे तक घर से स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनकर हंसदास मठ पहुंच जाएं जहां समिति की ओर से सभी व्यवस्थाएं रखी गई हैं। जिन्हें अपने पितरों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।