सास-बहू वाले टीवी शो में उन्होंने खूंखार सास के किरदार निभाकर अपनी अलग पहचान बनाई है. इसके अलावा डांस की दुनिया में भी वह जाना-माना नाम हैं. बात हो रही है सुधा चंद्रन की, जो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. 27 सितंबर 1965 के दिन मुंबई में जन्मी सुधा अपने नेगेटिव किरदारों के लिए जानी जाती हैं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको सुधा चंद्रन की जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं. 

महज तीन साल की उम्र में सीखने लगी थीं डांस

बता दें कि सुधा जब महज साढ़े तीन साल की थीं, उस वक्त ही उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था. दरअसल, बचपन से ही सुधा को डांस करने का काफी ज्यादा शौक था, जिसके चलते उनके पैरेंट्स ने भी उन्हें डांस की ट्रेनिंग दिलाना शुरू कर दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह डांस के बिना रह ही नहीं सकतीं. 

सुधा अपने सपनों को बुनते हुए जवानी की दहलीज पर कदम रख ही रही थीं कि एक भयानक हादसे ने उनके सपनों को तोड़ने की कोशिश की. दरअसल, तमिलनाडु में एक सड़क हादसे में वह बुरी तरह घायल हो गई थीं. उनके पैर में गैंगरीन हो गया, जिसके चलते डॉक्टरों को सुधा का एक पैर काटना पड़ गया. इस हादसे से सुधा का डांस करियर खतरे में आ गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नकली पैर की मदद से करीब तीन साल में वह चलना सीख पाईं. इसके बाद सुधा ने अपने सपनों को मुकाम तक पहुंचाया. 

बता दें कि सुधा चंद्रन ने अपने करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म मयूरी से की, जो उनकी ही जिंदगी पर आधारित है. इस फिल्म को तमिल और मलयालम भाषा में डब भी किया गया. वहीं, हिंदी में 'नाचे मयूरी' नाम से इस फिल्म का रीमेक बनाया गया. बता दें कि फिल्म के हिंदी वर्जन में भी सुधा चंद्रन ने ही काम किया था. 

टीवी की दुनिया जमकर कमाया नाम

सुधा चंद्रन सिनेमा और डांस की दुनिया में जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं. वह 90 के दशक से टीवी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं और 'बहुरानियां', 'चंद्रकांता', 'कभी इधर कभी उधर', 'चश्मे बद्दूर', 'अंतराल', 'कैसे कहूं', 'कहीं किसी रोज', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी, 'कस्तूरी', 'अदालत' जैसे तमाम टीवी शो में अपनी अदाकारी का जादू दिखा चुकी हैं. उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया है.