कर्नाटक में BJP के विधायक मदल विरुपक्षप्पा साबुन और डिटर्जेंट (केएसडीएल) अनुबंध घोटाले में फंसे हुए हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को मदल विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के बॉन्ड और मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट विधायक की जमानत के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को राजी हो गया।मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आग्रह किया था वकील ने अनुरोध किया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए, तो सीजेआई ने कहा कि चूंकि मुख्य न्यायाधीश की अदालत संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रही है, इसलिए पीठ के लिए इसे सुनना संभव नहीं होगा।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामले का उल्लेख कर सकते हैं। हम एक संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रहे हैं वरना हम इसे बोर्ड के अंत में ले लेते।वकील ने कहा कि मामले को दोपहर 2 बजे उठाया जा सकता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि ठीक है। आप जस्टिस कौल के सामने उल्लेख करें। वकील तुरंत न्यायमूर्ति कौल की अध्यक्षता वाली अदालत पहुंचे और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।

हालांकि, न्यायमूर्ति कौल ने वकील से पूछा कि याचिका को सूचीबद्ध करने की क्या जरूरत है। वकील ने कहा कि आरोपी मौजूदा विधायक है और उसके पास से बड़ी मात्रा में धन जब्त किया गया है।न्यायमूर्ति कौल ने तब निर्देश दिया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए और कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही अपना दिमाग लगा दिया है। वकील ने अनुरोध किया कि मामले को दोपहर 2 बजे सूचीबद्ध किया जाए। हालांकि, न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि यह जमानत रद्द करने का मामला है और इसे उचित समय पर सूचीबद्ध किया जाएगा।

इससे पहले विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार एमवी को लोकायुक्त अधिकारियों ने कथित तौर पर केएसडीएल कार्यालय में एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद हुई छापेमारी में मदल परिवार के घर से 8.23 करोड़ रुपये नकद, भारी मात्रा में सोने और चांदी के गहने और जमीन में बड़े निवेश का पता चला था। प्रशांत कर्नाटक प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वे बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी भी हैं।