इंदौर। 06 अक्टूबर 1927 से निरंतर प्रकाशित ‘वीणा’ शताब्दी की ओर अग्रसर है। ‘वीणा’ ने इतिहास रचा है। उसने निरंतर प्रकाशन के 96वें वर्ष पूर्ण किये हैं। इन वर्षों में डॉ. शांतिप्रिय द्विवेदी, डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन, डॉ. श्यामसुन्दर व्यास सहित चौदह कालजयी रचनाकार इसके संपादक रहे हैं। इन संपादकों में अपने-अपने समकाल को संबोधित किया है, पर अपने गौरवशाली सांस्कृतिक इतिहास की अनदेखी नहीं होने दी है। यह परंपरा वर्तमान संपादक राकेश शर्मा भी भलीभांति निर्वाह कर रहे हैं। ये विचार, वरिष्ठ कवि और लेखक डॉ. ओम ठाकुर ने व्यक्त किये। वे ‘वीणा’ के 97वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्हांने कहा कि सर्जना में संभावनाएं शेष रहनी ही चाहिए। जब संभावनाएं शेष बचती हैं तब नयी सर्जना को आयाम मिलता है। इस अवसर पर बोलते हुए ‘वीणा’ के संपादक राकेश शर्मा ने कहा कि ‘वीणा’ का संपादन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि ंइसकी एक गौरवपूर्ण स्थापित रीति-नीति है। इसमें महात्मा गाँधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मुंशी प्रेमचंद, आचार्य शुक्ल, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर, वासुदेवशरण अग्रवाल, राहुल सांकृत्यायन, पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, भगवतीशरण उपाध्याय, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, निराला, पंत, सुनील कुमार चटर्जी, नंददुलारे वाजपेयी, रामविलास शर्मा, श्रीनरेश मेहता, गोपालदास नीरज, हरिवंशराय बच्चन, नरेन्द्र कोहली, सूर्यप्रसाद दीक्षित, बालकवि बैरागी, चन्द्रसेन विराट, कृष्णदत्त पालीवाल जैसे कालजयी रचनाकार प्रकाशित होते रहे हैं और हमारे समकाल के सभी स्थापित लेखक प्रकाशित हो रहे हैं। इस तरह यह पत्रिका अपने अतीत और समकाल के बीच एक सेतु का निर्माण कर रही है। डॉ. पुष्पेन्द्र दुबे ने कहा कि पत्रिका को समकालीन बनाए रखने के उद्यम करते रहना चाहिए। उन्होंने ‘वीणा’ की विरासत का स्मरण किया और यह रेखांकित किया कि ‘वीणा’ समकाल के विषयों पर भी बहुत सजग है और अब यह अपनी सर्जना की शताब्दी पूर्ण करने के समीप आ गई है। प्रारंभ में समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने अपने स्वागत वक्तव्य में ‘वीणा’ के ऐतिहासिक पक्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर ‘वीणा’ की अब तक की साहित्यिक यात्रा की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे दर्शकों ने बहुत रुचि के साथ देखा। वीणा संवाद केन्द्र, इंदौर की संयोजक डॉ. वसुधा गाडगिल ने कार्यक्रम की भूमिका पर वक्तव्य दिया। संचालन लेखिका डॉ. अंतरा करवडे ने किया तथा अतिथि स्वागत सर्वश्री सदाशिव कौतुक, अनिल भोजे एवं रामचंद्र अवस्थी ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री गिरेन्द्रसिंह भदौरिया ‘प्राण’, घनश्याम यादव, प्रदीप नवीन, संतोष मोहंती, मुकेश तिवारी, अखिलेश राव, कमलेश पाण्डे, छोटेलाल भारती, हेमेन्द्र मोदी, संदीप पालीवाल आदि गणमान्य एवं सुधीजन उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियां ने ‘वीणा’ के अक्टूबर 2023 अंक का विमोचन भी किया।  

-हरेराम बाजपेयी प्रचार मंत्री