हनुमान फल को लक्ष्मण फल भी कहा जाता है। वहीं, अंग्रेजी में हनुमान फल को Sarsop कहा जाता है। इसकी खेती उष्णकटिबंधीय जलवायु में होती है। आसान शब्दों में उष्णकटिबंधीय जलवायु में हनुमान फल के पेड़ उगते हैं। इसका स्वाद खट्टा और मीठा होता है। इस फल को खाने के समय अनानास और स्ट्रॉबेरी दोनों फलों का स्वाद एक साथ मिलता है। हनुमान फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। खासकर, महिलाओं के लिए यह फल किसी दवा से कम नहीं है। इस पेड़ की पत्तियां, फल, जड़, फूल और बीज का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की बीमारियों में दवा के लिए किया जाता है। इसमें प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फास्फोरस, जिंक, विटामिन सी और फोलेट जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, हनुमान फल में एंटी कैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-आर्थ्रिटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकॉन्वल्सेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीडायबिटिक मैकेनिज्म और फाइटोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं। ये सभी गुणकारी पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

यूटीआई में फायदेमंद

महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आजकल सामान्य समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हनुमान फल का सेवन कर सकती है। इसमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये आवश्यक पोषक तत्व यूरिन में अम्लीय स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यूरिन में एसिड लेवल बढ़ने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए महिलाएं हनुमान फल का जरूर सेवन करें।

हाजमा दुरुस्त रहता है

इस फल में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे हाजमा दुरुस्त रहता है। इसके नियमित सेवन से पेट संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, हनुमान फल से कब्ज में भी फायदा मिलता है। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए डाइट में फाइबर रिच फ़ूड शामिल करने की सलाह देते हैं।

ब्लोटिंग से मिलता है निजात

पीरियड्स के दौरान शरीर के आंतरिक भागों में पानी जमा होने से ब्लोटिंग की समस्या होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए महिलाएं हनुमान फल का सेवन कर सकती हैं। इसमें पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे वाटर रिटेंशन से निजात मिलता है।

हाई बीपी में फायदेमंद

अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं, तो हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए हनुमान फल का सेवन कर सकते हैं। इसमें पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर में सोडियम संतुलित रहता है। सोडियम के असंतुलित होने से हाई बीपी की समस्या होती है।