भोपाल ।  महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार काम कर रही राज्य सरकार नए साल में महिलाओं को कई तोहफे दे सकती है। जहां सरकार के अगले बजट में महिलाओं के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं, वहीं आजीविका मिशन से जुड़कर परिवार का भरण पोषण करने वाली 45 लाख से अधिक महिलाओं को अपना कारोबार आगे बढ़ाने के लिए कम ब्याज पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था में बढ़ोतरी की जा सकती है। सरकार बैंक लिंकेज की सीमा चार हजार करोड़ रुपये तक कर सकती है, जो अभी तीन हजार करोड़ रुपये है। यह सीमा वर्ष 2021 में बढ़ाई गई थी। प्रदेश के 52 जिलों में चार लाख स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं ये महिलाएं महिला एवं बाल विकास के तहत चलाई जा रही पूरक पोषण आहार योजना के तहत 80 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिए पोषण आहार तैयार कर रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं-बालिकाओं से दुष्कर्म जैसे मामलों में फांसी का प्रावधान किया है। प्रदेश में लिंगानुपात में 29 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है, तो बाल विवाह में 34.2 प्रतिशत की कमी आई है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 43 लाख 78 हजार बालिकाओं को पंजीयन कर उनका जीवन सुरक्षित किया गया है। इनमें से नौ लाख 20 हजार से अधिक बालिकाओं को 232 करोड़ छह लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है। केंद्र सरकार की मातृ वंदना योजना में प्रदेश लगातार चार साल से देश में पहले स्थान पर है। योजना में अब तक 32 लाख 51 हजार महिलाओं को 1370 करोड़ छह लाख रुपये की सहायता दी गई है। भोपाल और इंदौर में दो वर्किंग वूमेन छात्रावास चलाया जा रहा है, तो ग्वालियर में नया छात्रावास बनाया जा रहा है। सरकार ने शौर्यादलों का पुनर्गठन किया है। जिसमें 15 वर्ष की किशोरियों से लेकर 45 वर्ष की 19 लाख 24 हजार महिलाओं को शामिल किया है। अपराजिता योजना के तहत 27 हजार 390 बालिकाओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया है। अब कुपोषण से मुकाबला है। इसके लिए कम वजन के बच्चों को चिन्हित कर मोटा अनाज सहित अन्य पोषक तत्व दिए जा रहे हैं। राज्य पोषण नीति बनाने वाले देश का पहला राज्य भी बन गया है