नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित करते हैं और उनको प्रेरित भी करते हैं। इस रविवार यानि 30 अप्रैल को पीएम के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड प्रसारित होगा।

100वें एपिसोड के मौके पर 30 अप्रैल को लखनऊ के राजभवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में आमिर खान और रवीना टंडन जैसे बड़े सितारे भी शामिल होने वाले हैं।

वहीं इसस पहले फिल्म अभिनेता आमिर खान का कहना है कि 'मन की बात' कार्यक्रम 'जन आंदोलन' का उदाहरण है, इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से भरोसे का रिश्ता कायम किया है। यह भरोसा अपने आप पैदा नहीं होता, इसे कमाया जाता है, पीएम मोदी ने इसे कमाया है। कार्यक्रम के 100वें एपिसोड पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन के 'आवाज से आंदोलन' नामक सत्र में आमिर ने कहा कि आज देश के नागरिक पीएम मोदी में भरोसा करना चाहते हैं, वे उन्हें मानते हैं। ये एक ऐतिहासिक पल है।

आमिर ने कहा, देश के लीडर की ओर से नागरिकों के साथ ऐसा संवाद, महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा, अपने विचार रखना, सुझाव देना बेहद महत्वपूर्ण है। वे नागरिकों को बताते हैं कि वे क्या देख रहे हैं, भविष्य को कैसे देखते हैं, कैसा समर्थन चाहते हैं, यही संवाद के जरिए नेतृत्व करना है। आमिर ने कहा, पीएम खुद लोगों से जुड़ना चाहते हैं, जो किसी भी समाज के लिए महत्व रखता है। अगर आप उन्हीं नागरिकों से संवाद न करें, जिन्होंने आपको चुना, तो आप और वे एक दूसरे को कैसे समझेंगे? पीएम को देखकर लोगों को नजरिया मिलता है, दिशा दिखती है।


उन्हें तो अमिताभ की आवाज भी नहीं चाहिए
आमिर ने कहा कि पोलियो उन्मूलन के लिए देश में बड़ा अभियान चलाया गया, जिसमें अमिताभ बच्चन की आवाज ली गई थी। वहीं मन की बात में पीएम मोदी मुद्दों पर बोलते हैं, खुद लोगों से बात करते हैं, इसके लिए उन्हें किसी और की जरूरत नहीं। न अभियान की जरूरत है।

नंबर-1 इंफ्लूएंसर- सिद्धार्थ
रेडियो होस्ट सिद्धार्थ कानन ने कहा, जब पीएम रेडियो पर आकर बात करते हैं तो लगता है कि एक दोस्त दूसरे दोस्त से बात कर रहा है। जब एक दोस्त जानकारी व प्रोत्साहन दे तो बाकी सारे उसे जरूर सुनते हैं। ऐसा लगता ही नहीं कि पीएम बात कर रहे हैं। लोगों का कहना सही है कि पीएम देश के नंबर-1 इंफ्लूएंसर हैं। इन्सान उनसे जो सुनता है, उसे अपने जीवन में करने का सोचता है। मैंने खुद मन की बात में अपनी संस्कृति व जड़ों को महसूस किया है।

खेलों पर जागरूकता बढ़ा रहे- दीपक
पैरा राइफल शूटर दीपक सैनी बोले-2014 के बाद भारत में खेलों का स्तर ऊंचा उठा, तो उसका एक कारण पीएम मोदी की ओर से खिलाड़ियों के लिए शुरू की गई नई योजनाएं हैं। इससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। वे खेलों को लेकर भी जागरूकता बढ़ा रहे हैं।

हर प्रतियोगिता से पहले प्रेरणा : निकहत
विश्व चैंपियन बॉक्सर निकहत जरीन ने कहा, हम जब मेडल जीतते हैं और गांवों में कई लोग जो टीवी या सोशल मीडिया से यह नहीं जान पाते, तो पीएम की मन की बात हमारी खबर उन तक पहुंचती है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने खेलों को काफी समर्थन किया है। हमारे पीएम मोदी न केवल जीत कर आने के बाद हमें खासतौर पर बुलाकर मुबारकबाद देते हैं, बल्कि कई बार प्रतियोगिता में जाने से पहले भी बात करते हैं। यह एथलीटों को काफी प्रेरणा देता है।

स्वर्णिम काल की ओर : दीपा मलिक
पैरालंपियन दीपा मलिक ने कहा, यह कार्यक्रम देश को अमृतकाल से स्वर्णिम काल की ओर ले जा रहा है। इसमें घर का बड़ा, बुजुर्ग व सुलझा हुआ इन्सान परिवार को संभालता, सही दिशा व अच्छे संस्कार देता और भारतीय होने पर गर्व करवाता है। देश हित, निजी बदलावों और देश व समाज के लिए अच्छे काम करने की प्रेरणा देने वाली उनकी बातें मुझे अच्छी लगती हैं।

जो चीजें नहीं जानते थे उन्हें जाना : रवीना टंडन
फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने कहा, जब से मन की बात शुरू हुआ, कई बदलाव देश के बड़े जन समूह तक पहुंचे। जो चीजें हम नहीं जानते थे, उन्हें जान पा रहे हैं। भारत के कई शिल्पकारों, कलाकारों, कुटीर उद्योगों की कहानियां इसमें सुनने को मिलती हैं। वे नायक जिन्हें अब तक पहचान नहीं मिल रही थी, उन्हें भी इस कार्यक्रम के जरिये पीएम मोदी पहचान दे रहे हैं। इससे बड़ी बात क्या होगी?

कई अर्थों में प्रेरणादायी
देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि मन की बात से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। कई अर्थों में यह कार्यक्रम प्रेरणादायी है। पीएम मोदी ने न सिर्फ रेडियो का बेहतर उपयोग किया, नया जीवन भी दिया।

संगीतकारों के बारे में जाना : रिकी केज
तीन बार के ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज ने कहा, मन की बात में जब पीएम मोदी को संगीतकारों के बारे में बात करते सुनता हूं, तो अच्छा लगता है। उन्होंने जनवरी में बताया था, जनजातीय समुदायों के बहुत से लोगों ने कैसे पद्म पुरस्कार जीते हैं। इनमें कई संगीतकार हैं, या जनजातीय संगीत से जुड़े हैं। फरवरी में ऐसे वाद्ययंत्रों के बारे में बताया, जो आज गुम जो रहे हैं, और कैसे कुछ संगीतकार उन्हें वापस ला रहे हैं, लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं।