रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में कर्नाटक के बेंगलुरु में 17 जुलाई से आयोजित विपक्षी दलों की बैठक के बारे में कहा कि साल 2024 के आम चुनाव के लिए बड़ा मील का पत्थर साबित होगा और केंद्र की मौजूदा नरंद्र मोदी सरकार के विभिन्न दल एकजुट होकर रणनीति बनाएंगे।


इसके साथ ही मुख्यमत्री बघेल ने यह भी कहा कि जनता के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा फीका होता जा रहा है और हिमाचल औऱ कर्नाटक चुनाव के नतीजों में मिली भाजपा की करार को बतौर उदाहरण पेश किया।

राजधानी रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए बेंगलुरु में दूसरी एकजुट विपक्ष की बैठक पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ''यह देश के लोकतंत्र और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अच्छा है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर विभिन्न राज्यों में कई चुनाव लड़े हैं और हारे भी हैं। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश इसके हालिया उदाहरण हैं।"
भूपेश बघेल की मानें तो बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दल की बैठक साल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मील का पत्थर साबित होने वाली है। कांग्रेस की ओर बुलाई गई यह बैठक आज 17 जुलाई से शुरू होकर कल 18 जुलाई तक चलेगी। कांग्रेस की मेजबानी में हो रही इस बैठक में टीएमसी, आरजेडी, जदयू, एनसीपी, सपा, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) और आप समेत 24 दल इस बैठक में शामिल होंगे।

पहले इस बैठक को लेकर कयास लग रहे थे कि आम आदमी पार्टी दूर रहेगी लेकिन आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उनी पार्टी भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी क्योंकि कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि वो संसद में दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करने वाली केंद्र सरकार के अध्यादेश का संसद में विरोध करेगी। इस कारण से आम आदमी पार्टी भी इस बैठक में शामिल होगी।

इससे पहले पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था। विपक्ष की यह बैठक जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई थी। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की यह दूसरी कवायद शरद पवार की पार्टी में एनसीपी में हुई टूट और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई व्यापक हिंसा के बाद हो रही है। बंगाल पंचायत में हुई चुनावी हिंसा को लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई और वाम दलों ने ममता बन्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की बेहद तीखी आलोचना की थी।