9 नवंबर 2019 को जब श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया, तो पटना के महावीर मंदिर की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए देने की घोषणा हुई थी. इसमें से 2 करोड़ की अंतिम किश्त 19 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को सौंप दी जाएगी. 
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 2020 में जिस दिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुला था, उसी दिन महावीर मंदिर की ओर से दो करोड़ की पहली किश्त दे दी गई थी. साल 2021, 2022 और 2023 में लगातार इतनी राशि दी जाती रही. अब अंतिम किश्त के रूप में 2 करोड़ की सहयोग राशि दी जा रही है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि किसी एक संस्था के द्वारा अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण में सहयोग के तौर पर 10 करोड़ देने वाला महावीर मंदिर देश का पहला संस्थान है.
 2.5 किलो का स्वर्णजड़ित कोदंड
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के निकट जिस अमावा राम मंदिर परिसर में महावीर मंदिर की ओर से राम रसोई चलाई जा रही है, उसके द्वारा रामलला को सोने का तीर-धनुष भेंट किया जाएगा. अमावा राम मंदिर न्यास के सचिव के तौर पर आचार्य किशोर कुणाल स्वर्ण जड़ित तीर-धनुष श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को सौंपेंगे. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का धनुष जिसे को दंड के नाम से जाना जाता है, 19 जनवरी को भेंट किया जाएगा. 2.5 किलो वजनी यह तीर-धनुष तांबे के बेस पर स्वर्ण जड़ित है. चेन्नई की एक कंपनी ने विशेष रूप से इसे तैयार किया है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अमावा राम मंदिर के शिखर के लिए स्वर्ण जड़ित कलश बनवाया गया है. इसके लिए भारत सरकार के उपक्रम एमएमटीसी से सोना खरीदा गया था. उसमें से कलश निर्माण के बाद शेष बचे सोने से स्वर्ण जड़ित कोदंड तैयार किया गया है.

अब दोनों पहर चलेगी राम रसोई
इसके अलावा अयोध्या के अमावा राम मंदिर परिसर में 1 दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी के दिन से चल रही राम रसोई 20 जनवरी से दोनों पहर चलेगी. रामलला के दर्शनार्थियों के लिए यह राम रसोई पटना के महावीर मंदिर द्वारा संचालित की जा रही है. यहां राम भक्तों को मुफ्त 9 प्रकार के शाकाहारी शुद्ध व्यंजन परोसे जाते हैं. बिहारी शैली में भक्तों को पूछ-पूछकर पूरे अपनत्व के साथ खिलाया जाता है. आचार्य ने बताया कि राम रसोई के लिए न अयोध्या और न ही पटना में कोई आर्थिक सहयोग लिया जाता है. महावीर मंदिर की आय से यह राम रसोई संचालित की जा रही है.