एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय महिला बॉक्सर्स का शानदार प्रदर्शन जारी है। भारत की स्टार बॉक्सर अल्फिया खान ने 81+ किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। यह इस टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं को मिला चौथा स्वर्ण है। यह टूर्नामेंट जॉर्डन के अम्मान में खेला जा रहा है। फाइनल में जज ने विपक्षी खिलाड़ी जॉर्डन की इस्लाम हुसैली को पहले राउंड में डिस्क्वालिफाई कर दिया था। इसी के साथ उन्होंने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के कुल पदकों की संख्या सात पहुंचा दी।

इससे पहले ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन ने 75 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में उज्बेकिस्तान की रुजमेतोवा सोखिबा को 5-0 से हरा दिया था। यह उनका इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण पदक रहा। इससे पहले वह 2017 और 2021 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य जीत चुकी हैं। वहीं, वर्ल्ड चैंपियनशिप की स्वीटी बूरा और परवीन ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मिनाक्षी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 81 किलोग्राम भारवर्ग में स्वीटी ने फाइनल में कजाखस्तान की गुलसया येरजाहन को 5-0 से हराया। उन्होंने 2015 में इस टूर्नामेंट में रजत और 2016 में कांस्य पदक जीता था।

वहीं, 63 किलोग्राम भारवर्ग में 22 साल की परवीन ने जापान की किटो माई को 5-0 से हरा दिया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह उनका पहला एशियन मेडल है। 52 किलोग्राम भारवर्ग में मिनाक्षी को जापान की किनोशिता रिंका ने 4-1 से हराया। इस तरह मिनाक्षी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

पुरुषों में शनिवार को शिव थापा उज्बेकिस्तान के रुसलान अब्दुल्लाएव से भिड़ेंगे। 2013 के एशियन चैंपियन थापा ने 2015 और 2019 में कांस्य पदक जीता था। वहीं, 2017 और 2021 में उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। अगर वह इस टूर्नामेंट में मेडल जीतते हैं तो छह पदक जीतने वाले दुनिया के पहले बॉक्सर बन जाएंगे। भारत अब तक चार स्वर्ण समेत सात पदक जीत चुका है। यह फिलहाल 2005 के बाद इस टूर्नामेंट में टीम का दूसरा बेस्ट परफॉर्मेंस है। 2005 में भारत ने सात स्वर्ण अपने नाम किए थे।