गंगा-जमना पर भाजपा-कांग्रेस में रार, दो सिख नेताओं ने संभाला मोर्चा
भोपाल । दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब, नमाज और कुरान पढ़ाने के मामले में जमकर राजनीति भी शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस में रार शुरू हो गई है। वहीं मामले में भाजपा और कांग्रेस के दो सिख नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की ओर से मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश कांग्रेस के संगठन मंत्री समन्वय गुरमीत सिंह मंगू ने सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल दागते हुए पूछा है कि शिवराज सिंह जी आप 18 वर्षो से सो रहे थे क्या? दमोह जिला के जयन्त मलैया 30 वर्ष से विधायक व मंत्री थे, पहलाद पटेल केन्द्रीय मंत्री व 10 वर्ष से सांसद है। 1990 से 2023 लगातार भाजपा के सांसद दमोह में रहे हैं। तब क्या गंगा-जमना स्कूल नहीं दिखा?
गुरमीत सिंह मंगू का कहना है कि चुनाव आते ही भाजपा को रंग भेद दिखने लगा है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और उसकी सरकार को अब जनता ही जवाब देगी। गौरतलब है कि इस मामले में एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा पर हमला बोला है। हैदराबाद में एक सभा में ओवैसी ने कहा, स्कूल ने प्रचार किया कि हमारी बच्चियां अच्छे नंबर से पास हुईं। बच्चियों ने स्कार्फ पहना था। सीएम (शिवराज) ने कह दिया- हम अपनी भांजियों और भतीजियों को जबरन हिजाब नहीं पहनने देंगे। उस स्कूल पर कार्रवाई कर दी गई। कलेक्टर (दमोह) ने ट्वीट कर कहा कि सब गलत खबरें हैं, ऐसा कुछ है ही नहीं। फिर वहां स्याही फेंक दी गई, बोला गया- तुमने गलत रिपोर्ट दे दी।
उधर, भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने जवाब देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामला सामने आते ही इसे गंभीरता से लिया है। दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब, नमाज और कुरान पढ़ाने का मामला चिंताजनक है। स्कूल के अंदर से मजिस्द जाने के गुप्त रास्ता होने का खुलासा हुआ है। यह स्कूल प्रबंधन मस्जिद जाने के लिए बनवाया। यह रास्ता 20 मीटर लंबा है, जो मस्जिद के सामने खुलता है। स्कूल के अंदर बने गुप्त रास्ते के जरिये स्कूल से मजिस्द आना-जाना होता है। स्कूल में कई जगह पर आयतें भी लिखी हैं। मामला सामने आने के बाद इन्हें पेंट करवाकर छिपाने की कोशिश की गई है। स्कूल में भारत का नक्शा आधा दिखाया है। प्रदेश सरकार ने तत्परता से जिस तरह कार्रवाई की है, वह सराहनीय है।