जयपुर. हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा के पर्व को बहुत खास माना जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है. इस दिन मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे. खेड़ापति बालाजी मंदिर पुजारी महेश दायमा ने बताया कि इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है. पंडित डॉ. घनश्याम शर्मा ने बताया कि इस बार सूर्य, बुध और शुक्र कर्क राशि में रहेंगे. इसके साथ ही गुरु वृषभ राशि में रहेंगे. इस दुर्लभ संयोग का कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा.

बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग


पंडित शर्मा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग ज्योतिष शास्त्र में शुभ योगों में से एक है. यह योग तब बनता है जब कोई विशेष दिन किसी विशेष नक्षत्र के साथ मिलता है. यह योग 21 जुलाई को सुबह 05 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 22 जुलाई को मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. इसके अलावा इस बार गुरु पूर्णिमा पर प्रतियोगी भी बन रहा है. जो शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. यह योग 21 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 22 जुलाई को शाम 05 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा. इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं.


गुरु पूर्णिमा पर करें ये उपाय


गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजा जरूर करें. पीले रंग का वस्त्र पहनकर गुरु मंत्र का जाप करें. गुरुवार का व्रत रखें और दान-पुण्य करें और गायों को भोजन खिलाएं. गुरु पूर्णिमा का यह दुर्लभ संयोग वृषभ, सिंह और कुंभ सहित कुछ राशियों के लिए बहुत ही शुभ फल देने वाला रहेगा.