नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडु ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को सीमित करने के लिए सक्षमकारी नीतियों के साथ-साथ लोगों से 'सामूहिक कार्रवाई' करने की अपील की। उन्होंने कहा “1.5 डिग्री तक की सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग की सीमा प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए, हमें वृहद स्तरीय प्रणालीगत बदलावों के साथ-साथ सूक्ष्म स्तरीय जीवनशैली विकल्पों दोनों का लक्ष्य रखना चाहिए। हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। श्री नायडु ने बढ़ती उग्र घटनाओं और घटती जैवविविधता की वास्तविकता को कम करने के लिए गंभीर आत्मनिरीक्षण और निर्भीक कदमों की अपील करते हुए कहा कि "यह न केवल सरकार का कर्तव्य है कि वह इस पर विचार-विमर्श करे, बल्कि यह पृथ्वी पर प्रत्येक नागरिक और मनुष्य का कर्तव्य है कि इस ग्रह को बचाएं। उपराष्ट्रपति मोहाली के चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में पर्यावरण विविधता और पर्यावरण न्यायशास्त्र पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, श्री नायडु ने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा जलवायु कार्रवाई में विश्व में अग्रणी रहा है। उन्होंने हाल ही में ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।