वरिष्ठ लेखिका श्रीमती अर्चना मंडलोई के पहले लघुकथा संग्रह 'पीहर की देहरी' के गरिमामय विमोचन समारोह में अनेक साहित्यकार कर समाज जनों की मौजूदगी रही। माधव विद्यापीठ के सभाकक्ष में यह समारोह रखा गया था।

मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी,मध्यप्रदेश के निदेशक डाॅक्टर विकास दवे ने कहा कि जिस तरह कम समय और कम शब्दों में बोलने के लिए खूब तैयारी करनी होती है उसी तरह कम शब्दों में कुछ लिखने के लिए भी बड़ी तैयारी लगती है। लघुकथा लेखन को आसान न माना जाए यह कहानी, उपन्यास लिखने से भी अधिक कठिन होता है।

विशेष अतिथि विचार प्रवाह साहित्य मंच की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दुबे ने कहा - चाहे उम्र कितनी ही क्यों न हो जाए हर नारी का लगाव अपने पीहर की देहरी से जरूर होता है। समारोह को वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना, श्री जयप्रकाश नाईक, श्रीमती अमरवीर कौर चड्ढ़ा ने भी संबोधित किया। पुस्तक की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ लघुकथाकार श्रीमती सीमा व्यास ने इस संग्रह की अधिकांश लघुकथाओं को इस विधा के कई मापदंडों पर खरा बताया। लेखिका श्रीमती अर्चना मंडलोई ने अपनी बात रखी। सधा हुआ संचालन रहा डाॅक्टर डॉ दीपा मनीष व्यास का।