भोपाल । 31 दिसंबर 2020 तक प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर बिना किसी अधिकार के आवास बनाकर रह रहे लोगों को आवासीय पट्टा प्रदान किया जाएगा।  अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग निकायों में अभियान चलाकर ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करके पट्टे देगा। इसके लिए नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (भूमि पट्टे के अधिकारों का प्रदान किया जाना) संशोधन अधिनियम को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अनुमति दे दी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पात्रता अवधि 31 दिसंबर 2018 करना प्रस्तावित किया था, जिसे मुख्यमंत्री ने बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया था। विधानसभा के बजट सत्र में इस आशय का संशोधन विधेयक पारित हुआ था। मंगलवार को राज्यपाल की अनुमति मिलने पर बुधवार को सरकार ने राजपत्र में संशोधित प्रविधान का प्रकाशन कर लागू कर दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 30 साल का स्थायी पट्टा ऐसे रहवासियों को दिया जाएगा, जो वहां रहने संबंधी लिखित प्रमाण प्रस्तुत करेंगे। इन्हें अधिकतम सौ वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा।बता दें कि प्रदेश में अभी तक 31 दिसंबर 2014 तक नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर आवास या झुग्गी बनाकर रहने वालों को पट्टे देने का प्रविधान था। इसके लिए वर्ष 2016 में सर्वे कराया गया था, जिसमें एक लाख 17 हजार व्यक्ति चिन्हित हुए थे। जांच करने के बाद इनमें से 47,591 पट्टे देने का निर्णय लिया था गया और 35 हजार लोगों को पट्टे दिए भी जा चुके हैं। इस अवधि में नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग आए और उन्होंने शासकीय भूमि पर बिना किसी अधिकार के आवास या झुग्गी बना ली। इन्हें हटाया जाना आसान नहीं है, इसे देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पात्रता अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव किया था।