पटना । बिहार में भाजपा के सहयोग सत्ता पर काबिज जदयू के मुख्यमंत्री नीतीश के संकेत पर सियासी दलों की नजर टिकी है। जदयू के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष आरसीपी सिंह के इस्‍तीफे और वर्तमान राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के बयान के बाद बिहार में सियासी उथल-पुथल तेज है। आरसीपी के दूसरा चिराग पासवान बनने के बयान के बाद राजनीतिक गतिविधि बढ़ी हुई है। इस बीच खबर आ रही है कि जदयू ने अपने सभी विधायकों-सांसदों को सोमवार तक पटना बुलाया है। विधायकों और सांसदों को पटना में रहने के लिए कहा है जदयू ने। उनकी बैठक मुख्यमंत्री आवास में कल प्रथम पहर में संभावित है। वहीं राजद ने भी सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। इधर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने भी विधायकों को पटना में रहने को कहा है। इस बीच खबर है कि एनडीए की सहयोगी हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी सक्रिय हो गए हैं।
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि भाजपा का पूरा प्रयास रहता है कि उसकी सरकार रहे। वह किसी की आइडेंटिटी बर्दाश्‍त नहीं करती। विधायकों की बैठक पर उन्‍होंने कहा कि यह सामान्‍य सी बात है। नीतीश कुमार की सोनिया गांधी से बातचीत के बिंदु पर उन्‍होंने कहा कि वे इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगे। आज शाम में बिहार प्रभारी भक्‍त चरण दास पटना पहुंच रहे हैं। वही इस बाबत कुछ भी बताएंगे। बैठक में सभी विधायक बैठेंगे। उन्‍होंने कहा कि जो भी हो रहा है वह शुभ संकेत है। भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी समेत किसी को भी हल्‍के में नहीं लें। उन्‍होंने कहा कि हर मौसम है प्‍यार का मौसम, क्‍या रखा है सावन में... बता दें कि जदयू ने मंगलवार को बैठक बुलाई है। वहीं राजद, कांग्रेस और हम भी सक्रिय हैं। राबड़ी देवी के आवास पर सोमवार दोपहर आरजेडी विधायक दल की बैठक तेजस्‍वी यादव ने बुलाई है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले तीन दिन बिहार की सियासत के लिहाज से बेहद अहम साबित होने वाले हैं।