भोपाल । मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती में एक ही नाम बार-बार चयन लिस्ट में आने की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होते ही जांच शुरू हो गई। चयनित उम्मीदवार लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। लेकिन दो दिन पहले उम्मीदवारों ने शिवराज से इसकी शिकायत की। आखिर कार स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक की भर्ती में बार-बार एक ही उम्मीदवार के नाम आने की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी है। समिति में केके द्विवेदी, संचालक, लोक शिक्षण, डीएस कुशवाह, अपर संचालक, लोक शिक्षण, संजय कुमार, अपर संचालक (वित्त) लोक शिक्षण शामिल हैं।
इस संबंध में लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि विभिन्न आवेदकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा नियमित रूप से काफी संख्या में अभ्यावेदन प्रस्तुत किए जा रहे है। समिति प्रत्येक अभ्यावेदन का निराकरण 15 दिनों के अंदर करेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इन सभी अभ्यावेदनों के विधिवत निराकरण के लिए निम्नानुसार समिति का गठन किया जाता है।
उच्च एवं माध्यमिक शिक्षक भर्ती पिछले 4 वर्षों से बड़े ही धीमी गति से चल रही है, उसमें भी चयन सूची में बार-बार नामों की पुनरावृत्ति हो रही है। जिससे आक्रोशित पात्र अभ्यर्थी लंब समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। उम्मीदवार रंजीत गौर ने बताया कि एक बार पोस्टिंग लेने के बाद भी उसी के नाम दूसरी बार जारी लिस्ट में आ जाता है। इससे वेटिंग में बैठे छात्रों को मौका नहीं मिल पाता है। हम लगातार पांच मांग कर रहे हैं। उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के आधार पर जनजातीय कार्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती की जा रही है। इस भर्ती प्रक्रिया में संयुक्त काउंसलिंग न होने से दोनों विभागों की सूचियों में नामों का दोहराव हुआ है। अत: दोहराव से उद्भूत होने वाली प्रवर्गवार संभावित रिक्तियों की पूर्ति हेतु प्रवर्गवार उपलब्ध अभ्यर्थियों में से मेरिट क्रम में अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए अतिरिक्त सूची जारी की जा रही है। दस्तावेज सत्यापन में पात्र पाए गए अभ्यर्थियों में से प्रवर्गवार विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार मेरिट कम में अंतिम चयन सूची जारी कर नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे। नामों का दोहराव होने से अभ्यर्थियों द्वारा पदभार ग्रहण नहीं करने अथवा विभाग परिवर्तन की स्थिति में उद्भूत रिक्तियों के लिए शेष बचे अभ्यर्थियों में से मेरिट कम में रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी। दस्तावेज सत्यापन सूची में नाम होने मात्र से अभ्यर्थी नियुक्ति का दावा नहीं कर सकेगा।