खरमास का समापन 14 जनवरी 2022 को होगा 14 दिसंबर 2021 को लगा था खरमास इस समय खरमास चल रहा है। हिंदू धर्म के अनुसार, खरमास में विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास की अवधि करीब-करीब 30 दिनों तक होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 दिसंबर 2021 को खरमास प्रारंभ हुआ था और इसका समापन 14 जनवरी 2022 को होगा। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तत्पश्चात ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो सकेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, हिंदू धर्म में इस पर्व का बड़ा महत्व माना जाता है। इस सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आते हैं।

इस कारण नहीं होते खरमास में मांगलिक कार्य

सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है जिसके बाद सभी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है। सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है तब खरमास लगता है क्योंकि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं। इसलिए खरमास में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं, क्योंकि शुभ कार्यों के लिए बृहस्पति का साक्षी होना आवश्यक है।

खरमास के दौरान क्या करें ?

खरमास के माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उनकी पूजा-अर्चना करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है। खरमास के माह में भगवान विष्णु और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। खरमास के माह में पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। पवित्र नदी में स्नान करने से पापों और रोगों से मुक्ति मिलती है। खरमास में दान करने का विशेष महत्व है। गरीबों को दान देना चाहिए और साधु-संतों की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य आता है।

खरमास में क्या नहीं करें ?

खरमास के महीने में में विवाह, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। खरमास खत्म होने के बाद आप शुभ मुहूर्त देखकर मांगलिक कार्य कर सकते हैं। मान्यता है कि खरमास के महीने में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इनका सेवन करने से जीवन में परेशानियां आने लगती हैं। खरमास के महीने में नया कार्य ना शुरू करें।